रायपुर। विधानसभा बजट सत्र के प्रश्नकाल में भारतमाला प्रोजेक्ट का मुद्दा गरमाया रहा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने प्रोजेक्ट में अनियमितत...
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि जांच में किसी भी प्रकार की ढील नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर CBI को प्रतिबंधित करने का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष ने जांच के लिए विधायकों की समिति बनाने की मांग की, लेकिन मंत्री टंकराम वर्मा ने कमिश्नर जांच का आश्वासन दिया। इससे असंतुष्ट विपक्ष ने CBI जांच की मांग को लेकर बहस की।
मंत्री वर्मा ने सदन में स्वीकार किया कि भारतमाला परियोजना में गड़बड़ी हुई है। अधिसूचना के बाद रकबे को टुकड़ों में बांटा गया और ट्रस्ट की भूमि का दोबारा अधिग्रहण कर ट्रस्ट के ही व्यक्ति को मुआवजा दिया गया। इस मामले में डिप्टी कलेक्टर, SDM, तहसीलदार और पटवारी पर कार्रवाई की गई है।
डॉ. महंत ने दोषी अधिकारियों पर FIR दर्ज कर उन्हें जेल भेजने की मांग की। उन्होंने कहा कि निलंबन एक प्रक्रिया मात्र है, जिससे आरोपी बच निकलते हैं। अगर सरकार CBI जांच के लिए तैयार नहीं होती, तो वह इस मामले को हाईकोर्ट लेकर जाएंगे। स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने इस पर कहा कि उन्हें हाईकोर्ट जाने से कोई नहीं रोक सकता। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन किया।
केलो प्रोजेक्ट में भू-अर्जन की अनियमितताओं का मुद्दा विधायक उमेश पटेल ने उठाया। उन्होंने मंत्री टंकराम वर्मा के अलग-अलग बयानों पर आपत्ति जताई और प्रोजेक्ट की पूर्णता को लेकर सवाल किया। मंत्री ने बताया कि योजना 80% पूरी हो चुकी है, लेकिन 23 प्रकरण अभी लंबित हैं।
विपक्ष के नेता भूपेश बघेल ने प्रोजेक्ट में जमीनों की अनियमितता के आरोप लगाए और जांच के लिए सदन की समिति गठित करने की मांग की। मंत्री वर्मा ने विभागीय जांच का भरोसा दिलाया, लेकिन विपक्ष ने इसे अस्वीकार करते हुए हंगामा किया और नारेबाजी के बाद सदन से बहिर्गमन कर दिया।
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