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जिला न्यायालय बेमेतरा में वर्ष 2025 का प्रथम नेशनल लोक अदालत का हुआ आयोजन

बेमेतरा। जिला न्यायालय बेमेतरा में 08 मार्च 2025 दिन शनिवार को प्रथम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, प्र...


बेमेतरा। जिला न्यायालय बेमेतरा में 08 मार्च 2025 दिन शनिवार को प्रथम नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दीप प्रज्जवलन कर लोक अदालत का शुभारंभ कर कार्यक्रम में उपस्थित न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण व न्यायिक कर्मचारीगण को अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण करने हेतु प्रोत्साहित कर शुभकामाएं दी गई। 

लोक अदालत में जिला न्यायालय प्रांगण में जिले के कोने-कोने से पक्षकार अपने प्रकरणों के निराकरण के लिए उपस्थित हुये, जिनकी सुविधा के लिए विधिक सहायता डेस्क, स्वचलित चिकित्सकीय वेन, स्वास्थ्य डेस्क व समस्त बैंक, विद्युत विभाग, फाइनेंस कंपनी द्वारा संचालित डेस्क लगाई गयी। नेशनल लोक अदालत हेतु जिला न्यायालय में 6 खण्डपीठ और तहसील साजा न्यायालय में 1 खण्डपीठ इस प्रकार जिला में कुल 7 न्यायालयीन खण्डपीठ का गठन कर दो-दो सुलहकर्ता सदस्यों की नियुक्ति की गई। उक्त नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन के अनुक्रम में समस्त न्यायालीन कर्मचारी, पैरालीगल वालेंटियर्स, जिला प्रशासन, जिला एवं जनपद पंचायत, नगर पालिका, विद्युत विभाग, जिले की समस्त बैंको सहित अन्य समस्त विभागों का भरपूर सहयोग प्राप्त हुआ है।

जिले में 9092 प्री-लिटिगेशन व लंबित प्रकरणों को निराकरण हेतु रखा गया था जिसमें से राजस्व प्रकरण, विद्युत विवाद बैंक प्रकरण व बी.एस.एन.एल. प्रकरणों का निराकरण कर कुल 3732746 /- रूपये की वसूली की गई। न्यायालय में लंबित 92 अपराधिक प्रकरण, 12 सिविल प्रकरण, 91 पारिवारिक प्रकरण, 20 मोटर दुर्घटना दावा व अन्य प्रकरण का निराकरण कर कुल 20101340 /- रूपये का अवार्ड पारित कर जिलें में रिकॉर्ड अनुसार 2,38,34,086 /- रूपये मामलों का निराकरण किया गया, जहां आपसी सहमति से सुनवाई के बाद पक्षकारों को बीमा, विद्युत व बैंक विवाद और अन्य प्रकरणों में कुल 10,00,000/- लाख रूपए की मुआवजा राशि वितरित की गई ।

नेशनल लोक अदालत में नालसा एवं सालसा योजनाओं एवं अभियानों की व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बेमेतरा द्वारा योजनाओं / अभियानों एवं कानूनी के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में न्याय वृक्ष एवं द्वार तोरन बनाकर प्रदर्शनी के माध्यम से नेशनल लोक अदालत में आये पक्षकारों को जानकारी प्रदान करते हुए कानूनी विषयों पर रंगोली बनाकर बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं, न्याय सबके लिए संदेश देते हुये बाल विवाह एवं बलात्कार पीड़िता के गर्भ का चिकित्सीय समापन व अन्य विधिक विषयों पर पाम्पलेट का वितरण कर जागरूक किया गया।

नेशनल लोक अदालत में उपस्थित पक्षकारों को विधिक रूप से जागरूक करने हेतु लघु फिल्मों का प्रसारण एवं महिलाओं के विरूद्ध अपराध व साइबर काईम विषय पर किया गया पॉम्पलेट का विमोचन। 

जिला न्यायालय परिसर में उन्हें विधिक रूप से जागरूक करने हेतु प्रोजेक्टर के माध्यम से घरेलू हिंसा, लैंगिक अपराधों से संबंधित, महिलाओं से छेड़‌छाड़ व साईबर क्राईम, मोटर दुर्घटना सहित विभिन्न विषयों पर लघु फिल्म दिखायी गयी, जहां पक्षकारों के लिए बैठक व पेय जल की व्यवस्था की गई। साथ ही प्राधिकरण की गतिविधियों की झलकियां भी दिखाई गई। उक्त दिवस के अवसर पर जिला विधिक प्राधिकरण बेमेतरा द्वारा महिलाओं के विरूद्ध अपराध एवं साइबर काईम विषय से संबंधित पाम्पलेट का विमोचन किया गया

जिला न्यायालय परिसर में 08 मार्च 2025 नेशनल लोक अदालत के अवसर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में अधिवक्तागण, न्यायिक कर्मचारीगण एवं लोक अदालत में आयें हुए पक्षकारों व जनमानस के लिए परिवहन विभाग के सहयोग से शासकीय शुल्क पर लर्निंग ड्राईविंग लाईसेंस कैम्प का किया गया आयोजन ।

न्यायालय, बृजेन्द्र कुमार शास्त्री, प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा के न्यायालय में दुर्घटना में मृतक बिहारी प्रसाद निषाद की मृत्यु होने पर क्षतिपूर्ति दावा प्रस्तुत किया गया था। न्यायाधीश के समझाईश पर बीमा कंपनी द्वारा मृतक की पत्नि एवं इसकी अवयस्क संतान के पक्ष में 10,00,000/- (दस लाख रूपये) का क्षतिपूर्ति राशि प्रदान करने का आदेश दिया। दोनों पक्षों के द्वारा राजीनामा किया गया।

नेशनल लोक अदालत में बेटा और मां-बाप के मध्य परिवारिक विवाद के प्रकरण को न्यायिक मजिस्ट्रेट, मो. जहांगीर तिगाला द्वारा आपसी समझौते के आधार पर समाप्त करवाया। एक प्रकरण में बेटा का अपने पिता और बहन से मारपीट का विवाद था, जिसे भी न्यायाधीश द्वारा रिश्तो की अहमियत को बतातें हुए समझाइश दिये जाने पर बेटा ने अपने पिता से माफी मांगा एवं आपसी राजीनामा करवाया गया।

एक प्रकरण जहां पति ने अपनी सास और पत्नि के साथ लड़ाई झगड़ा किया न्यायिक मजिस्ट्रेट, अनिता कोशिमा रावटे के द्वारा पक्षकारों के मध्य प्री-सीटिंग की गई लोक अदालत के दिन पत्नि के बीमार पड़ जाने के कारण वह न्यायालय में उपस्थित नही हो सकी तब न्यायाधीश द्वारा विडियों कॉन्फेसिंग के माध्यम से पक्षकारों के मध्य राजीनामा करवाया।

एक प्रकरण में दम्पत्ति वर्ष २०२२ में एक साथ सुलह होकर साथ गये थेए किन्तु उनके मन की शंका दूर न होने से उनके मध्य पुनः विवाद प्रारंभ हो गया थाए उनके मध्य विवाद को पारिवारिक तथा सामाजिक स्तर पर सुलझाने का बहुत प्रयास किया गयाए किन्तु कोई परिणाम नहीं निकलाए दम्पत्ति के चार एवं दो वर्ष के दो पुत्र भी हैंए जिनके भरण, पोषण हेतु पत्नी ने पति के विरूद्ध भरण पोषण का मामला न्यायलाय में पुनः पेश कर दिया था। न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल द्वारा न्यायालय में उनके मध्य पुनः सुलह समझौता का अथक प्रयास किया गया एवं उन्हें दोनों बच्चों के भविष्य के बारे में समझाते हुए चार पांच काउंसलिंग की गई। जिससे उनका मन परिवर्तित हो गया और उन्होंने सुखमय पारिवारिक जीवन बिताने की शपथ लेकर आज लोक अदालत में अपना प्रकरण समाप्त करा लिया। एक अन्य मामला, जिसमें उभयपक्ष का विवाह वर्ष २०२० में हुआ था और उभयपक्ष का एक पुत्र दो वर्ष का बालक भी है, उनके मध्य आपसी मतभेद इतना बढ़ गया था, कि पत्नी ने न्यायालय में भरण. पोषण का मामला दायर कर दिया था और बच्चे के साथ पति से पृथक रह रही थी। पति का अपने बच्चे से इतना प्रेम है कि वह भरण. पोषण देने के लिए राजी हो गया थाए किन्तु दोनों के अलग रहने के कारण उनके बालक का ठीक तरह से पालन. पोषण नहीं हो पा रहा था। उभयपक्ष के मध्य भी सुलह समझौता कराने का विशेष प्रयास न्यायाधीश नीलिमा सिंह बघेल द्वारा कई दिन से किया जा रहा था, आज लोक अदालत के दिन उभयपक्ष अपने बच्चे के साथ न्यायालय में उपस्थित हुए और पत्नी ने अपना प्रकरण समाप्त करने का निवेदन कियाए जिस पर न्यायाधीश द्वारा उन्हें सही निर्णय लेने की बधाई देते हुए वैवाहिक जीवन की महत्ता बताई गई और पूरे परिवार को राजीखुशी न्यायालय से विदा किया गया।

कुटुम्ब न्यायालय में इस प्रकार प्रकरणों में दम्पतियों को नारियल- तुलसी का पौधा व सप्तपदी के सात वचनों की प्रति देकर शुभकामनाएं दी गई एवं मिठाई खिलाकर विदा किया गया। दम्पत्तियों ने एक दूसरे को माला भी पहनाई। परिवार न्यायालय के इस भावुक पल के साक्षी अधिवक्तागण व न्यायालय के स्टाफ बने। नीलिमा सिंह बघेल द्वारा दम्पत्तियों को पारिवारि जीवन की महत्ता बताते हुए नेशनल लोक अदालत में राजीनामा करने के लिए बधाई व धन्यवाद दिया गया। सभी 18 परिवार खुशी-खुशी न्यायालय परिसर से विदा हुए।













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