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बीजापुर के घने जंगलों में मुठभेड़ जारी, तीन नक्सली ढेर

  बीजापुर। जिले में मद्देड़ थाना क्षेत्र के बंदे पारा व कोरंजेड नेशनल पार्क एरिया में रविवार सुबह से पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी ...

 


बीजापुर। जिले में मद्देड़ थाना क्षेत्र के बंदे पारा व कोरंजेड नेशनल पार्क एरिया में रविवार सुबह से पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। एएसपी मयंक गुर्जर ने बताया कि बंदेपारा- कोरंजेड नेशनल पार्क एरिया में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर सुरक्षा बलों को रवाना किया गया था।

सर्चिंग अभियान के दौरान सुबह घने जंगलों में नक्सलियों ने पुलिस को देख फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की है। अब तक तीन नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। इनकी संख्या बढ़ सकती है। हालांकि पुलिस ने पुष्टि नहीं की है।

नक्सली जंगलों की आड़ से फायरिंग कर रहे हैं। रुक-रुककर मुठभेड़ जारी है। सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ में कई नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। हालांकि इसकी पुष्टि पुलिस ने नहीं की गई। एएसपी मयंक गुर्जर ने बताया कि मुठभेड़ के संबंध में विस्तृत जानकारी पार्टी के लौटने पर दी जाएगी।

इससे पहले बीजापुर में सुरक्षा बल के अभियान से डरकर आठ लाख रुपये के इनामी डिविजनल कमेटी सदस्य नक्सली 62 वर्षीय माचा सोमैया ने शनिवार को तेलंगाना पुलिस के सामने समर्पण कर दिया। वह तेलंगाना के भूपालपल्ली मंडल के पंबापुर गांव का रहने वाला है। आत्मसमर्पित नक्सली माचा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल के दर्जनों कैंप लगातार नक्सल क्षेत्रों में खुलने से संगठन का प्रभाव कम हुआ है।

साथ ही सुरक्षा बल की ओर से वर्ष 2024 में 200 से अधिक नक्सलियों को मुठभेड़ में मारा गया है। इसमें कई बड़े नक्सली नेता मारे गए हैं। वह अब बूढ़ा और बीमार भी रहने लगा था, इसलिए शीर्ष नक्सल संगठन से पूछकर उसने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया है।

माचा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल के अभियान और साथ ही विकास कार्यों से नक्सलियों का जनाधार भी घटा है। कई बड़े नक्सली अब आत्समपर्ण करने का विचार बना रहे हैं।

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