नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से स्कूलों को बम की धमकी दी गई है। शुक्रवार (13 दिसंबर) को दिल्ली के 4 स्कूलों को बम की धमकी वाले ई...
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से स्कूलों को बम की धमकी दी गई है। शुक्रवार (13 दिसंबर) को दिल्ली के 4 स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले।
उधर, इसकी जानकारी लगने पर अग्निशमन अधिकारी और पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच की। दिल्ली पुलिस ने बताया कि अभी तक कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।
बता दें कि दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश डीपीएस, सलवान स्कूल, मॉडर्न स्कूल और कैंब्रिज स्कूल समेत छह स्कूलों को ई-मेल के माध्यम से धमकी मिली है। पुलिस ने चारों ही स्कूलों में पहुंच कर जांच शुरू कर दी है।
वहीं, पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस मामले को लेकल अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट डाली है। उन्होंने लिखा इसी हफ्ते में दूसरी बार दिल्ली के स्कूलों को बम की धमकी मिली है, जो बेहद गंभीर और चिंताजनक है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो बच्चों पर कितना बुरा असर पड़ेगा? उनकी पढ़ाई का क्या होगा?
वहीं, अधिकारियों ने बताया कि पुलिस विस्तृत जांच करने की सामान्य मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन कर रही है। भटनागर पब्लिक स्कूल, पश्चिम विहार, कैंब्रिज स्कूल, श्रीनिवासपुरी, डीपीएस, ईस्ट ऑफ कैलाश, साउथ दिल्ली पब्लिक स्कूल, डिफेंस कॉलोनी, दिल्ली पुलिस पब्लिक स्कूल, सफदरजंग एन्क्लेव और वेंकटेश पब्लिक स्कूल रोहिणी को धमकी दी गई है। इस धमकी से अभिभावकों और अधिकारियों में खलबली मची है।
दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा, "हम ऐसे मेल मिलने पर विस्तृत जांच करने के सामान्य एसओपी का पालन कर रहे हैं।"
सुबह 4.30 बजे पहला अलर्ट मिलने के बाद अग्निशमन विभाग के अधिकारी और पुलिस दल घटनास्थल पर पहुंचे। गहन निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने बताया कि किसी भी स्कूल में कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। ई-मेल में लिखा था, "इस गतिविधि में एक गुप्त डार्क वेब समूह शामिल है और कई रेड रूम भी हैं। बम इतने शक्तिशाली हैं कि वे इमारतों को नष्ट कर सकते हैं और लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। बताया गया कि आज से 14 दिसंबर तक, यानी कल, दोनों दिनों में, एक अपेक्षित अभिभावक-शिक्षक बैठक होने वाली है और हमारे डार्क स्रोतों के माध्यम से, यह भी पुष्टि हुई है कि सभी ई-मेल में शामिल स्कूलों में से एक वर्तमान में अपने खेल दिवस के लिए मार्चिंग कर रहा है, जिसमें छात्र एक सामूहिक मैदान में इकट्ठा होते हैं, जिससे भारी भीड़ बनती है, जो एक स्पष्ट लाभ है। जबकि इमारत को केवल कुछ कर्मचारियों के साथ अकेला छोड़ दिया जाएगा और कोई भी चारों ओर देखने वाला नहीं होगा।
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