दुर्ग। शिक्षा ही एकमात्र माध्यम है जो आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाएगा। इसीलिए प्रत्येक आदिवासी ब्लॉक में 4 से 5 एकलव्य आदिवासी आश्...
दुर्ग। शिक्षा ही एकमात्र माध्यम है जो आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाएगा। इसीलिए प्रत्येक आदिवासी ब्लॉक में 4 से 5 एकलव्य आदिवासी आश्रम होने चाहिए। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग शीघ्र ही आदिवासी वर्ग के लिए युवा संवाद एवं जन संवाद का कार्यक्रम नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के साथ आयोजित करेगा। उपरोक्त बातें आज राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष अंतर सिंह आर्य ने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान दुर्ग जिले के भिलाई में आयोजित प्रेसवार्ता में कही ।
अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष अंतर सिंह आर्या ने कहा कि 13 मार्च 2024 को देश के राष्ट्रपति के द्वारा उन्हें राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष की शपथ दिलाई थी उसके बाद से ही वह पूरे देश के दौरे पर है। जिससे कि आदिवासियों तक भारत सरकार की योजना सीधे पहुंच रही है अथवा नहीं इसकी समीक्षा कर रहे हैं । छत्तीसगढ़ के भिलाई इस्पात संयंत्र में भी हजारों की संख्या में आदिवासियों को रोजगार प्राप्त हुआ है। आदिवासियों के लिए भारतीय संविधान में निर्धारित रोस्टर का पालन हो रहा है कि नहीं इसकी समीक्षा करने के लिए बीएसपी के दौरे पर हैं बीएसपी देश का महत्वपूर्ण औद्योगिक प्रतिष्ठान है।
जिसका लाभ आदिवासी वर्ग को मिलना चाहिए भारत सरकार के द्वारा आदिवासी वर्ग के लिए अनेको जन कल्याणकारी योजनाएं बनाई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जमीन से जुड़े हुए हैं और वह प्रत्येक वर्ग की समस्याओं से भली भांति परिचित हैं। विशेष पिछड़ी आदिवासी वर्ग के लिए जनमन योजना बनाई गई है। विशेष कर बैगा आदिवासियों के लिए यह योजना लागू की गई है। धरातल पर जाकर हमने इस योजना की समीक्षा भी की है विशेष कर मध्य प्रदेश के डिंडोरी एवं मंडला क्षेत्र में इस योजना के तहत कार्य हो रहे हैं। मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति इसी योजना के माध्यम से हो रही है रोड, पानी, बिजली की सुविधा इन क्षेत्रों के आदिवासियों को प्राप्त हो रही है। इस योजना के माध्यम से विकास हो रहा है आदिवासी वर्ग के द्वारा इसकी सराहना भी की गई है।
आदिवासी वर्ग के विकास के लिए उनका पूरा फोकस है विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में युवाओं से उनके द्वारा संवाद भी किया जा रहा है और जनवरी 2025 में दिल्ली में 5000 आदिवासी युवाओं के साथ युवा संवाद कार्यक्रम आयोजन की योजना बना रहे हैं जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करेंगे कि वह आदिवासी युवाओं के साथ सीधे संवाद करें ताकि उनका भी विकास हो सके एवं उन्हें रोजगार प्राप्त हो सके। सिंह ने कहा कि वन्य ग्राम के तहत फॉरेस्ट विभाग को अधिकार प्राप्त थे परंतु अब वन्य ग्राम को राजस्व ग्राम बना दिया गया है और जो आदिवासी इन क्षेत्रों में खेती किसानी कर रहा है उन्हें चार हेक्टेयर भूमि अर्थात 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जा सके ऐसे प्रयास हैं उनके पास 30 से 35000 अभी आवेदन प्राप्त है जिनकी समीक्षा की जा रही है।
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