कोरबा । सूर्योदय के समय बिखरती किरणे हो या फिर अस्त होने के समय झिलमिलाती लालिमा दोनो ही समय पर्यटन स्थल देवपहरी, परसखोला, फुटहामुड़ा का स...
कोरबा । सूर्योदय के समय बिखरती किरणे हो या फिर अस्त होने के समय झिलमिलाती लालिमा दोनो ही समय पर्यटन स्थल देवपहरी, परसखोला, फुटहामुड़ा का सौंदर्य अपने चरम पर होता है। इनकी खूबसूरती तथा आसपास के मनोरम दृश्य के लिए सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है।
पानी की धार से तराशे गए इन चट्टानों में सूरज निकलने से लेकर सूरज के डूबने तक चमक ही नहीं होती, नुकीले और धारदार चट्टान कई स्थानों पर किसी को काटने, खरोंच पहुंचाने से लेकर उन्हें अपनी गुफानुमा जगहों में कैद करने की क्षमता भी रखती है।
पिकनिक मनाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है। गहरी खाई, पथरीला फिसलन भरी जल प्रवाह इसकी परवाह किए बिना पानी में उतरना उनके लिए मस्ती या मनोरंजन नहीं बल्कि मौत साबित हो चुका है।
जिले में ऐसी कुछ घटनाएं भी है, जिसमे आपस में मस्ती करते हुए और एक दूसरे को पानी में उतरने-कूदने के चौलेंज करते हुए छात्र सूझबूझ से काम नहीं लेते और जोखिमों के बीच पानी में उतर जाते हैं। इन स्थानों में छात्र पानी में बह चुके हैं।
जिला प्रशासन ने महत्वपूर्ण पिकनिक स्थलों पर सावधानी बरतने संबंधी बोर्ड भी लगाए हैं लेकिन मस्ती में चूर अनेक लोग ऐसे सूचनाओं का अनदेखी कर खतरनाक स्थानों पर चले जाते हैं।
हादसे की सूचना पर अलर्ट प्रशासन और पुलिस, नगर सेना, एसडीआरएफ तथा ग्रामीणों ने रेस्क्यू कर पूरी कोशिश करते हैं लेकिन मस्ती और लापरवाही की वजह से तत्काल किसी को मौत के मुंह से खीच लाना सम्भव नहीं हो पाता।
देवपहरी का पिकनिक स्पाट जलप्रपात की वजह से सभी को आने के लिए मजबूर करती है। बड़े-बड़े चट्टानों से होकर पानी बहती तो है लेकिन यह खतरनाक भी है और यहां तेज गति से बहती पानी की धारा को छूना,बिना सतर्कता के साथ चट्टानों में चलना जोखिम भरा हो सकता हैँ।
खतरनाक फिसलन भरी चट्टानें कभी भी हादसों का शिकार बना सकते हैं, इसलिए कोशिश करिए कि आपके बच्चे ऐसी जगहों में न जाए, उसके लिए सचेत रहे। ऐसी जगहों में कुछ सुरक्षा के इंतजाम व सावधानी और सतर्कता आपके खतरे को टालने में बहुत हद तक मददगार बन सकते हैं।
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