रायपुर, छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था का प्रतीक माँ शीतला का मंदिर संतोषी नगर में स्थित है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए ...
रायपुर,
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था का प्रतीक माँ शीतला का मंदिर संतोषी नगर में स्थित है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखता है, और यहाँ पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम और भक्ति संगीत के आयोजन हमेशा भक्तों के लिए प्रेरणादायक और उत्साहजनक होते हैं। इसी कड़ी में, 3 अक्टूबर की शाम को माँ शीतला के आशीर्वाद से एक भव्य जागराता का आयोजन हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध गायिकाएँ गरिमा और सुवर्ण दिवाकर ने अपनी सुरमयी आवाज़ों से समां बांध दिया। यह आयोजन "ब्लू बर्ड्स ऑन द स्काई फाउंडेशन" एवं "टीम MKG" के सौजन्य से संपन्न हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में भक्तों ने उपस्थित होकर माँ शीतला की महिमा का गुणगान किया।
जागरण का आयोजन और भक्तों की आस्था
3 अक्टूबर की शाम 7 बजे संतोषी नगर स्थित माँ शीतला मंदिर के समक्ष आयोजित इस जागरण कार्यक्रम ने भक्तों के दिलों में गहरी भक्ति और श्रद्धा का संचार किया। छत्तीसगढ़ की धरती पर माँ शीतला की पूजा का विशेष महत्व है, और यहाँ पर हर वर्ष भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस बार का आयोजन विशेष इसलिए था क्योंकि इसे "ब्लू बर्ड्स ऑन द स्काई फाउंडेशन" और "टीम MKG" ने मिलकर आयोजित किया था, जिनका उद्देश्य समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को एक साथ लाना और भक्ति के माध्यम से मानसिक शांति प्रदान करना है।
इस जागरण में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हुई थी, जो माँ शीतला की महिमा और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए उमड़ी थी। यह आयोजन शाम 7 बजे से आरंभ हुआ और रात भर चलता रहा। भक्तों के लिए यह अवसर माँ शीतला के प्रति अपनी भक्ति को व्यक्त करने और उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने का था।
गरिमा और स्वर्णा दिवाकर की भक्ति संगीत की प्रस्तुति.....
कार्यक्रम की विशेष आकर्षण छत्तीसगढ़ की दो प्रसिद्ध गायिकाएँ, गरिमा और स्वर्णा दिवाकर की भक्ति संगीत की प्रस्तुति रही। गरिमा और स्वर्णा, दोनों ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करती हैं और उनकी आवाज़ों में भक्ति का जादू बिखेरने की अद्भुत क्षमता है। जागरण के दौरान इन दोनों कलाकारों ने माँ शीतला के प्रति अपने श्रद्धा के गीत प्रस्तुत किए, जिनमें "माँ शीतला के गुणगान", "जय माँ शीतला", और "शीतला माता की महिमा" जैसे भजन शामिल थे।
गरिमा और सुवर्ण दिवाकर की भक्ति संगीत की प्रस्तुति ने पूरे कार्यक्रम को एक दिव्यता प्रदान की। उनकी सुरमयी आवाज़ और भक्तिपूर्ण गीतों ने समस्त भक्तों के मन को मोह लिया। जब गरिमा और स्वर्णा ने माँ शीतला की महिमा का गुणगान किया, तो भक्तों की आंखों में भक्ति के आंसू छलक आए। उनकी गायिकी में न केवल संगीत की शुद्धता थी, बल्कि भक्ति की गहराई भी झलक रही थी।
भक्तों का उत्साह और श्रद्धा
इस कार्यक्रम में हजारों की संख्या में भक्त उपस्थित हुए, जो माँ शीतला के प्रति अपनी आस्था को प्रदर्शित करने के लिए यहाँ आए थे। जागरण के दौरान भक्तों की श्रद्धा और उत्साह देखने लायक था। पूरा मंदिर परिसर भक्तों की आवाज़ों से गूंज उठा, और हर कोई माँ शीतला के जयकारे लगा रहा था। भक्तों के लिए यह अवसर न केवल भक्ति का, बल्कि एकता और सामुदायिक भावनाओं को भी सशक्त करने का था।
माँ शीतला के प्रति उनकी अटूट आस्था और भक्ति का प्रमाण यह था कि भक्त पूरी रात जागरण में शामिल रहे और भक्ति गीतों के साथ झूमते रहे। मंदिर परिसर में भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी, जिसमें प्रसाद वितरण, पूजा सामग्री और भक्ति साहित्य का वितरण भी शामिल था। भक्तों के लिए यह एक अद्वितीय अवसर था जहाँ वे न केवल माँ शीतला की पूजा कर सके, बल्कि उनकी महिमा का गुणगान भी कर सके।
ब्लू बर्ड्स ऑन द स्काई फाउंडेशन एवं टीम MKG की भूमिका
इस भव्य जागरण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए "ब्लू बर्ड्स ऑन द स्काई फाउंडेशन" और "टीम MKG" ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ये दोनों संगठन सामाजिक और धार्मिक कार्यों में सदैव अग्रणी रहे हैं। उनका उद्देश्य न केवल समाज में सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन करना है, बल्कि समाज के विकास और एकता को भी प्रोत्साहित करना है।
ब्लू बर्ड्स ऑन द स्काई फाउंडेशन ने इस कार्यक्रम के आयोजन में तकनीकी और आर्थिक सहायता प्रदान की, जबकि टीम MKG ने कार्यक्रम की योजना और इसके सुचारू संचालन की जिम्मेदारी उठाई। दोनों संगठनों ने मिलकर इस जागरण को भव्य बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया। इस आयोजन से यह साबित हुआ कि समाज के हित में काम करने वाले ये संगठन कितने महत्वपूर्ण हैं और उनकी भूमिका समाज में कितना बड़ा बदलाव ला सकती है।
सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था का संगम
छत्तीसगढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में माँ शीतला की पूजा का विशेष स्थान है। इस प्रकार के धार्मिक आयोजन समाज को न केवल धार्मिक दृष्टि से समृद्ध करते हैं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर को भी सहेजते हैं। इस जागरण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर की झलक भी देखने को मिली। छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों से आए भक्तों ने यहाँ अपनी आस्था और भक्ति को प्रकट किया और माँ शीतला के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की।
माँ शीतला की महिमा और उनकी पूजा के माध्यम से समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और इस प्रकार के धार्मिक आयोजन समाज के लोगों को एकजुट करने का कार्य करते हैं। यह जागरण न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि समाज के विभिन्न तबकों को एक साथ लाने और एकता का संदेश देने वाला भी था।
"डब्लू ठाकुर की यादें" कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित इस भव्य जागरण ने भक्तों के दिलों में भक्ति और श्रद्धा का संचार किया। माँ शीतला के आशीर्वाद से आयोजित यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था का प्रतीक बना। गरिमा और सुवर्ण दिवाकर की सुरमयी गायिकी ने भक्तों को माँ शीतला की महिमा का अनुभव कराया, और ब्लू बर्ड्स ऑन द स्काई फाउंडेशन एवं टीम MKG के प्रयासों ने इसे एक यादगार और सफल आयोजन बनाया।
भक्तों की भारी भीड़ और उनकी अटूट श्रद्धा ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। माँ शीतला के प्रति यह आस्था और भक्ति छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक और धार्मिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है, और इस प्रकार के आयोजन समाज में धार्मिकता, एकता और सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने का कार्य करते हैं।
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