रायपुर।श्री सिद्धि शिखर विजयोत्सव की पावन बेला आ चुकी है। 115 तपस्वियों की 44 दिनों में 4000 से अधिक उपवास की कठिन तप साधना पूर्ण हो गई है...
रायपुर।श्री सिद्धि शिखर विजयोत्सव की पावन बेला आ चुकी है। 115 तपस्वियों की 44 दिनों में 4000 से अधिक उपवास की कठिन तप साधना पूर्ण हो गई है। कठिन सिद्धि तप की अंतिम आठवीं बारी का 8 तारीख को ब्यासना हुआ। वही पर्युषण महापर्व में हुई 80 अठाई का पारणा हुआ। 9 सितंबर सोमवार को सुबह 9 बजे तपस्वियों का राजशाही पारणा बुढ़ापारा स्थित इंडोर स्टेडियम में होगा। दोपहर 2 बजे बहुमान समारोह होगा। समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विधानसभा अध्यक्ष डॉ.रमन सिंह, सांसद बृजमोहन अग्रवाल व विधायक राजेश मूणत सहित गणमान्य अतिथि शामिल होंगे।
पर्युषण महापर्व के अंतिम दिन को संवत्सरी महापर्व रूप में मनाया गया। समाज के सभी लोगों ने प्रतिक्रमण कर 84 लाख जीवों से क्षमा याचना की। साथ ही सभी ने आपस में क्षमा याचना कर एक दूसरे से वर्ष भर में जाने अनजाने में की गई भूल और भूलवश भी यदि दिल दुखा हो तो अंतर्मन से क्षमा याचना की।
गुरु भगवंतों के द्वारा महाग्रंथ कल्प सूत्र के सार रूपी पवित्र ग्रंथ बारसा सूत्र का वांचन किया गया। ये जैन समाज का सबसे बडा महापर्व है,जिसमें वर्ष भर में किए गए पापों को निर्मल करने का सुनहरा अवसर रहता है।
संवत्सरी और पारणा के साथ श्वेतांबर जैन समुदाय के पर्युषण महापर्व का समापन हुआ। आठ दिनों तक इस महापर्व में प्रतिदिन श्रावकों ने आराधना, उपवास, धार्मिक स्वाध्याय, प्रतिक्रमण जैसी धार्मिक क्रियाएं की। क्षमापना के दिन सभी श्रावकों ने एक-दूसरे से वर्ष भर जाने अनजाने में की गई भूल मन, वचन और काया के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से क्षमा मांगी।
रायपुर नगर में पहली बार 100 से अधिक सिद्धि तप की कठिन तपस्या की गई है। रायपुर की सुपुत्री साध्वी चिंतननिधिजी म.सा. सहित 115 तपस्वियों ने सिद्धि तप की कठिन तपस्या की है। सिद्धि तप के तपस्वियों के राजशाही पारणा के दूसरे दिन 10 सितंबर को सुबह 9 बजे विवेकानंद नगर से सिद्धि शिखर विजय यात्रा निकाली जाएगी, जो चतुर्विद संघ के परम सानिध्य में बैंड,बाजा बग्गियों के साथ इंडोर स्टेडियम जाएगी।
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