नई दिल्ली। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में एक चौकाने वाला खुलासा किया है। पैरासिटामोल, कैल्शियम, ...
नई दिल्ली। केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में एक चौकाने वाला खुलासा किया है। पैरासिटामोल, कैल्शियम, विटामिन डी, शुगर और ब्लड प्रेशर सहित कई ऐसी दवाइयों को लेकर ये खुलासा किया जो इलाज के लिए आमतौर पर इस्तेमाल होती है। इन दवाइयों में कई ऐसी दवाएं शामिल हैं, जो आमतौर लोग इस्तेमाल करते हैं। दरअसल, ये दवाएं क्वालिटी चेक में फेल हो गई हैं। बता दें कि ये दवाएं हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड (HAL), हेटेरो ड्रग्स, कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड और अल्केम लेबोरेट्रीज जैसी बड़ी कंपनियों द्वारा बनाई जाती हैं।
सीडीएससीओ ने जारी की लिस्ट
सीडीएससीओ ने फर्जी, मिलावटी और गलत ब्रांडिंग वाली दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों, टीकों और सौंदर्य प्रसाधनों की लिस्ट जारी की है। इसमें एमाइलेज, प्रोटीएज, ग्लूकोएमाइलेज, पेक्टिनेज, अल्फा गैलेक्टोसिडेज, लैक्टेज, बीटा-ग्लूकोनेज, सेल्युलेस, लाइपेज, ब्रोमेलैन, जाइलेनस, हेमिकेल्यूलेस, माल्ट डायस्टेज, इनवर्टेज और पापेन के इस्तेमाल से इंसानों को खतरा होने की आशंका है। बैन की गई दवाओं की लिस्ट में पल्मोसिल (सिल्डेनाफिल इंजेक्शन), पैंटोसिड (पैंटोप्राजोल टैबलेट आईपी), उर्सोकोल 300 (अर्सोडियोक्सीकोलिक एसिड गोलियां भारतीय फार्माकोपिया) शामिल हैं। उर्सोकोल 300 दवाई सन फार्मा कंपनी की है। इसके अलावा टेल्मा एच (टेल्मिसार्टन 40 मिलीग्राम और हाइड्रोक्लोरोथियाजाइड 12.5 मिलीग्राम टैबलेट आईपी), डेफ्लाजाकोर्ट टैबलेट (डेफकोर्ट 6 टैबलेट) भी टेस्ट में फेल हो गई।
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