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10 हजार करोड़ के हाईवे प्रोजेक्ट को मंजूरी, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य, गडकरी के साथ सीएम साय ने चर्चा

  रायपुर। छत्तीसगढ़ में 10 हजार करोड़ की लागत के नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 14 नई पर...

 


रायपुर। छत्तीसगढ़ में 10 हजार करोड़ की लागत के नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 14 नई परियोजनाओं के लिए स्वीकृति दी है। इसकी विस्तृत परियोजना तैयार की जाएगी। इसके बाद निर्माण कार्य जल्द शुरू हो सकेगा। 

दरअसल, सीएम विष्णुदेव साय दिल्ली दौरे पर हैं। सोमवार को भारत मंडपम में केंद्रीय मंत्री गडकरी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में शामिल हुए। बैठक में छत्तीसगढ़ में चल रही परियोजनाओं की प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर मंथन हुआ। उनके साथ डिप्टी CM अरुण साव भी मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि इन परियोजनाओं से राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास को नई गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार सड़क निर्माण कार्यों को प्राथमिकता देकर सभी परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करेगी।

वहीं रायपुर-विशाखापट्टनम के पहले फेज का काम 4 महीने में पूरा हुआ, इसके लिए केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार और अधिकारियों को बधाई दी। CM ने बताया कि, सभी परियोजनाओं को समय पर और बिना रुकावट पूरा करने के लिए प्रत्येक सप्ताह कार्य की समीक्षा की जा रही है। 

केंद्र और गडकरी की देन है एनएच की सड़कें : साय

सीएम साय ने दिल्ली की बैठक में शामिल होने से पहले कहा कि, आज जितनी भी सड़कें छत्तीसगढ़ में नेशनल हाईवे और भारत माला की नजर आ रही है, यह सब भारत सरकार और नितिन गडकरी की देन है।

कुछ प्रोजेक्ट हुए फाइनल

सीएम विष्णुदेव साय इसी साल 19 जुलाई को मंत्री गडकरी से मिले थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ में बड़े रोड प्रोजेक्ट्स की जरूरत बताई थी। संकेत मिले हैं कि मंत्री गडकरी ने उन्हीं में से कुछ प्रोजेक्ट फाइनल किए हैं, जो छत्तीसगढ़ में नेशनल हाईवे अथॉरिटी से बनवाए जाएंगे।

रायपुर से जगदलपुर तक कम्प्लीट फोर-लेन और केशकाल घाट के नीचे से 15-20 किमी का डायरेक्ट बाइपास भी शामिल है। बाइपास बनने के बाद केशकाल घाट चढ़ने की जरूरत नहीं होगी। बाइपास में एक-दो सुरंगें हो सकती हैं, जैसे देश के बाकी बड़े बाइपास में हैं।

रायपुर में रिंग रोड-1 और रिंग रोड-2 की नई जरूरत के मुताबिक, चौड़ाई बढ़ाने और कम से कम तीन फ्लाई ओवर बनाने का काम बैठक में फाइनल किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ अंतरराज्यीय सड़कों को भी फोर-लेन करने के प्रोजेक्ट मंजूर किए जा सकते हैं।

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