दुर्ग। जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग की धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी सुमंगल प्रभा ने कहा सद अनुष्ठान करते रहने से बेहतर की ...
दुर्ग। जय आनंद मधुकर रतन भवन बांधा तालाब दुर्ग की धर्म सभा को संबोधित करते हुए साध्वी सुमंगल प्रभा ने कहा सद अनुष्ठान करते रहने से बेहतर की तरफ कदम आगे बढ़ते है जिससे बदतर अपने पाप पीछे छूट जाता है। परिणामस्वरूप एक वक्त ऐसा आता है जब जीवन श्रेष्ठतम हो जाता है। सद्अनुष्ठान करने से पाप का गेट बंद हो जाता है। गेट बंद किए बिना न तो लिफ्ट चलती है और न ही आप कार चलाते हो।
आलमारी या तिजोरी का गेट भी आप बंद रखते हो, मकान का गेट भी बिना कारण खुला नहीं रखते हो तो फिर पाप का गेट क्यों खुला खखते हो। पाप का गेट बंद किए बिना मोक्ष का गेट खुलने वाला नहीं है। सद्?अनुष्ठान से मोक्ष का गेट खुल जाता है। सद्अनुष्ठान से अशुभ कर्मों की धुलाई हो जाती है। अन्जाने में होने वाले पाप कम हैं योजना बनाकर किए जाने वाले पाप ज्यादा है। योजना बनाकर किए गए पापों का फल ज्यादा पीड़ा और परेशानी का कारण बनता है। नागश्री ने योजना बनाकर मुनि की कड़वी सब्जी बहायी तो परिणाम कितना भयंकर आया। राजा श्रेणिक ने योजना बनाकर हिरणी का शिकार किया तो परिणाम कितना भयंकर भाया।
अन्जाने में हुए पाप का फल भयंकर नहीं होता है। क्यों कि पाप करने के भाव नहीं है पाप के साथ मन जुड़ा हुआ नहीं होने से फल अधिक दु:खदायी नहीं होता है। अनेकों पाप फालतू होते हैं तो कुछ पाप करना मजबूरी होता जीविका उपार्जन के लिए पाप करना मजबूरी है भोजन बनाने के लि पाप करना मजबूरी है पर बनाने के लिए पाप करना मजबूरी है मजबूरी में किए गए पाप का फल भी ज्यादा दुखदायी नहीं होता मासखमण वंदना, नवकार महामंत्र जप अनुष्ठान, सिद्धि तप का की तपस्या जारी।
साध्वी भगवंतो के सानिध्य में जप अनुष्ठान सिद्धि तप नवकार महामंत्र का जप अनुष्ठान हर्ष और उल्लास के वातावरण में चल रहा है आज जय आनंद मधुकर रतन पाठशाला के बच्चों ने सिद्धि तप करने वाले तपसियों के पारणे में सहयोग दिया जिनमें जैनम बाघमार अर्णव श्रीश्रीमाल मोक्षित पार्क देवांश रतन बोरा भाविक बाफना संयमी पारख ने आज भोजन शाला में अपनी सेवाएं दी।
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