नई दिल्ली। गोपीनाथ के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 24) के दौरान भारत की वृद्धि उम्मीद से कहीं बेहतर रही। सभी क्षेत्रों, खासकर ग्रामी...
नई दिल्ली। गोपीनाथ के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 24) के दौरान भारत की वृद्धि उम्मीद से कहीं बेहतर रही। सभी क्षेत्रों, खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निजी खपत में वृद्धि हुई है। दोपहिया वाहनों की बिक्री से लेकर फास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) तक, कुल खपत बढ़ रही है। मीडिया रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा गया, "बेहतर मानसून के साथ बेहतर फसलें होती हैं और कृषि आय बढ़ती है।"
एफएमसीजी मार्केट मजबूत बना हुआ
दूसरी तरफ, चुनौतियों के बावजूद भारत में एफएमसीजी मार्केट मजबूत बना हुआ है। मार्केटिंग रिसर्च फर्म कैंटर वर्ल्डपैनल के मुताबिक, ग्रामीण बाजार में एफएमसीजी सेक्टर में वित्त वर्ष 2024-25 में 6.1 फीसदी की सालाना ग्रोथ दर्ज हो सकती है, जो पिछले साल 4.4 फीसदी थी। रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रामीण बाजार में वॉल्यूम शहरी बाजार के बराबर हो सकता है, जो फिलहाल ज्यादा है। ग्रामीण एफएमसीजी बाजार पहले से ज्यादा बड़ा है और सेक्टर के लिए करीब आधी वॉल्यूम और वैल्यू पैदा कर रहा है।
लाखों नौकरियां पैदा करने की जरूरत
गोपीनाथ ने यह भी बताया कि देश को अगले 5-6 सालों में लाखों नौकरियां पैदा करने की जरूरत है। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2025 के लिए आर्थिक विकास के अनुमान को अप्रैल में लगाए गए 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार, अगर पिछले तीन वर्षों में भारत की औसत वृद्धि देखी जाए तो यह 8.3 प्रतिशत आती है। चालू वर्ष में उन्होंने 7.2 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान दिया है।
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