रायपुर। विवेकानंद नगर स्थित संभवनाथ जैन मंदिर में जारी आत्मोल्लास चातुर्मास 2024 की प्रवचन माला में बुधवार को तपस्वी रत्न मुनिश्री प्रियदर्श...
रायपुर। विवेकानंद नगर स्थित संभवनाथ जैन मंदिर में जारी आत्मोल्लास चातुर्मास 2024 की प्रवचन माला में बुधवार को तपस्वी रत्न मुनिश्री प्रियदर्शी विजयजी म.सा. ने कहा कि विशेषज्ञता हासिल करने के लिए परमात्मा से कनेक्शन जरूरी है। केवल तप और ध्यान से परमात्मा से कनेक्शन नहीं हो सकता। आप नियम से घर में पूजा कर लिए,उपवास कर लिए लेकिन क्या आपको विचार आता है कि मंदिर में जाकर परमात्मा के साथ आधा घंटे बातें की जाए ? जब प्रभु के सामने बैठकर आत्म मंथन करोगे तब विशेषज्ञता को हासिल करोगे। आराधना को दृष्टि बनाने के लिए उपाश्रय में आओ, परमात्मा के साथ कनेक्ट हो और आत्म चिंतन करो कि यहां से जाने के बाद आपकी गति क्या होगी। साधु का पहला कनेक्शन परमात्मा के साथ और अरिहंतों के साथ होता है। मुनिश्री ने कहा कि जीव जब एक गति से दूसरे गति में जाता है तो संबंध, राग छूट जाता है, वस्तुएं छूट जाती है लेकिन वृत्ति अर्थात अपने संस्कार लेकर जाता है। यदि आपके जीवन में विशेषज्ञता होगी तो आपके जीवन में धर्म आने में सफलता मिलेगी।
चौमासा में प्रवचन श्रवण का अवसर चार माह होता है। इन चार माह के बाद आपको आपकी विशेषज्ञ पता चलेगी। मन से आपका कनेक्शन अरिहंत परमात्मा के साथ होना चाहिए। हमेशा धर्म की आराधना करनी चाहिए इससे सद्गति प्राप्त होती है। परमात्मा के दर्शन के संस्कार लेकर देवलोक जाओगे तो देवलोक में सर्व वैभव का दृश्य भी आपको विचलित नहीं कर सकेगा और यदि संस्कार विहीन होंगे तो वैभव में फंसकर कुछ हासिल नहीं होगा। चारों ओर वैभव को देखकर भी परमात्मा के साथ अच्छा कनेक्शन होगा,तब ही आपकी विशेषज्ञता सार्थक होगी।
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