बीजापुर। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई स्कूल जतन योजना का उद्देश्य राज्य के जर्जर स्कूल भवनों का जीर्णोद्धार करना...
बीजापुर। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई स्कूल जतन योजना का उद्देश्य राज्य के जर्जर स्कूल भवनों का जीर्णोद्धार करना था। इसके तहत लगभग 30 हजार स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए हजारों करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। लेकिन यह योजना भ्रष्टाचार के चलते सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गई है।
बीजापुर जिले के उसूर विकासखंड के ग्राम पंचायत मुरकीनार के प्राथमिक शाला पंगनपाल में योजना के तहत मरम्मत का काम लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर लुपेश देवांगन की देख-रेख में किया गया था। शिक्षा विभाग और लोक निर्माण विभाग की देखरेख में ठेकेदार ने स्कूल की मरम्मत का काम किया, लेकिन यह काम भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
स्कूल के शिक्षा दूत कोर्राम ने बताया कि छत की रिपेयर के साथ कई अन्य कार्य भी किए जाने थे, लेकिन ठेकेदार ने केवल पुट्ठी पेंट कर खानापूर्ति कर दी। योजना में ठेकेदार ने सिर्फ पुट्ठी पेंट का काम कर इंजीनियर के साथ मिलकर विभाग को चुना लगा दिया। पहली बरसात के पानी में ही स्कूल की छत से पानी टपकने लगा, जिससे बच्चे टपकती छत के नीचे बैठने को मजबूर हो गए।
बारिश के दौरान बच्चे पानी से बचने के लिए इधर-उधर बैठते हैं। पानी की वजह से पूरा फर्श गीला हो जाता है, जिससे बच्चों के कपड़े और स्कूल बैग तक भीग जाते हैं। फिर भी मजबूरी में बच्चे टपकती छत के नीचे कक्षा में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। बच्चों ने मीडिया के माध्यम से नए स्कूल भवन की मांग की है।
बच्चों ने बताया कि कक्षा में बैठकर पढ़ते समय तेज बारिश होने पर मुसीबत और बढ़ जाती है। छत से पानी की बूंदें टपकने लगती हैं और छत के ढहने का भी डर रहता है। स्कूल में शौचालय नहीं होने से बच्चों को दूर जंगल जाना पड़ता है, जिससे उन्हें सांप और बिच्छू का डर बना रहता है।
कलेक्टर अनुराग पांडेय ने इस मामले पर कहा कि यह जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से मिली है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्कूल जतन योजना के तहत हुए कामों की जांच के आदेश दिए हैं। पांडेय ने एक जांच टीम गठित की है और स्कूलों की जांच की जा रही है। इस स्कूल की भी जांच की जाएगी और लापरवाही पाए जाने पर ठेकेदार पर कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही स्कूल का जीर्णोद्धार किया जाएगा।
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