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भाठागांव के वॉलफोर्ट सिटी में तीन दिवसीय जिनवाणी की वर्षा प्रारंभ

रायपुर। राजधानीवासियों पर जिनवाणी की वर्षा के क्रम में दीर्घ तपस्वी विरागमुनिजी मंगलवार को भाठागांव के वालफोर्ट सिटी पहुंचे। यहां बड़ी संख्या...

रायपुर। राजधानीवासियों पर जिनवाणी की वर्षा के क्रम में दीर्घ तपस्वी विरागमुनिजी मंगलवार को भाठागांव के वालफोर्ट सिटी पहुंचे। यहां बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने प्रवचन का लाभ लिया। प्रवचन के दौरान उन्होंने कहा कि यह जीवन हमें आत्मा का कल्याण करने के लिए मिला है। जिनशासन में आपकी एंट्री हो जाए तो आपका कल्याण हो जाएगा। आप बस धर्म करते रहिए और अगर धर्म करते-करते आप श्रावक या साधु नहीं बन पाए तो कम से कम आपके जीवन का उद्धार तो हो ही जाएगा।

धर्म के माध्यम आपका जीवन आनंद से भर जाएगा। इसके लिए आप एक कल्याण मित्र बना लीजिए। आज लोगों को कल्याण मित्र का मतलब ही नहीं समझ रहे है, वे अपने दोस्तों को कल्याण मित्र समझते है जो उनके साथ घुमने जाए, बाहर जाकर खाए-पीये और पिक्चर देखने जाए। जबकि ऐसा नहीं है, वह कल्याण मित्र आपके भाई-बहन हो सकते है, पति-पत्नी भी हो सकते है या माता-पिता भी हो सकते है। कल्याण मित्र वह होते है जो आपको सही को सही और गलत को गलत कहने की हिम्मत रखते है। यह आपको पहचानना होगा कि कौन आपका कल्याण मित्र है। कोई अगर आपके कल्याण के लिए आपको टोके वही सच्चा कल्याण मित्र होगा। अब यह आपके विवेक पर निर्भर करता है कि कोई आपको रोके-टोके तो आपको उसका विरोध करना है कि उसकी बातों पर विचार करना है।

अब आध्यात्म की बात करें तो आध्यात्म यानी आत्मा के हित की चिंतन। आज तक आप लोगों को खुश करने के लिए क्रियाएं करते रहे पर अब आपको अपनी आत्मा का खुश करना है। आप क्रिया तो करते है पर उस वक्त आप आत्मा के हित के बारे मे नहीं सोचते हो। अगर आपने क्रिया करते समय सही और गलत का सोच लिया तो आपकी आत्मा का कल्याण हो जाएगा। आपने शराबियों को देखा होगा, बिना शराब पीये उनके पैर नहीं उठते, यह सब शराब के नशे की वजह से होता है। वैसे ही आपको भी धर्म का प्याला पी जाना है। आपको कहीं अगर स्वार्थ दिखे तो आप किसी के भी सामने झुकने के लिए तैयार हो जाते हो, आपको किसी के छत्रछाया की आवश्यकता नहीं है। आप खुद को पहचानिए और आनंदित होकर काम कीजिए। 

जैन संत विरागमुनि जी मंगलवार को सुबह 5.30 बजे चौबे कॉलोनी से विहार करते हुए भाठागांव स्थित वॉलफोर्ट सिटी पहुंचे। वहीं, बुधवार की सुबह 8 बजे मुमुक्षु नीलेश महेता को दीक्षा का मुहूर्त गुरूवर द्वारा प्रदान किया जाएगा।


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