जगदलपुर/रायपुर। उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने आज जगदलपुर में नक्सलियों से वार्ता की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए पुनर्वास नी...
जगदलपुर/रायपुर। उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने आज जगदलपुर में नक्सलियों से वार्ता की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ते हुए पुनर्वास नीति सुझाव के लिए ईमेल आईडी और गूगल फॉर्म जारी कर माओवादियों से आग्रह किया है की वे स्वयं बताएं कि उनके पुनर्वास नीति क्या होनी चाहिए।
उन्होंने कहां की मैं हमेशा कहता हूं की वार्ता के सारे रास्ते खुले हैं और इसके लिए हमारी भाजपा की विष्णुदेव सरकार ने नियद नेल्ला नार नाम से योजना लाकर गांव में सड़क ,स्वास्थ्य, पानी, सुविधा प्रारम्भ कर समानता और विकास का एक वातावरण तैयार कर दिया हैं और यह बात भटके हुए युवा समझ रहे हैं इसीलिए हम उन्हीं से पूछ रहे हैं कि उनके पुनर्वास नीति क्या होनी चाहिए। ताकि मुख्य धारा में जुड़कर प्रदेश और देश की विकास में भागीदारी कर सके।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आप और समाज समर्थ है नक्सलवाद की इस समस्या के हल के लिए। सरकार स्वयं मानती है की आपरेशन मुख्य विषय नही है और यह तो सरकार के प्रयास का बहुत छोटा सा हिस्सा है सरकार का मुख्य प्रयास प्रभावित क्षेत्र में विकास करना, आदिवासी क्षेत्र की सामाजिक , सांस्कृतिक और आर्थिक विकास के कार्य करना है। साथ ही साथ जो युवा नक्सलवादी विचारधारा छोड़कर पुनर्वासित हुए है उनके लिए कार्य कर रही है और उनके सर्वांगीण विकास की योजना आगे बढ़ा रही है।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने युवाओं को भड़काने वाले नक्सली नेताओं से पूछा है कि चीन जैसे देशों में भी माओवाद है लेकिन वहां सामाजिक धार्मिक आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता शून्य है क्या वे ऐसा राज्य चाहते हैं।
उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पुनर्वास नीति बहुत ही अच्छी है लेकिन उसे बेहतर बनाने के लिए किसी भी राज्य में जाकर अध्ययन करने को तैयार है परंतु मुख्य विषय यह है की ना अधिकारियों को समर्पण करना है ,ना पत्रकारों को, ना शासन में बैठे लोगों को और ना आमजनों को, समर्पण माओवादियों को करना है औऱ यह पहल उन्हीं के लिए है कि वह स्वयं बताएं कि उनके पुनर्वास नीति क्या होनी चाहिए।
बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिहदेव, बस्तर जिला अध्यक्ष रूप सिह मंडावी, चित्रकूट विधायक विनायक गोयल, सुभाउ कश्यप वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे।
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