सनातन धर्म के अनुसार सोमवती अमावस्या पर स्नान और दान का बड़ा महत्व है। सोमवती अमावस्या व्रत को शास्त्रों में ‘अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत’ भी ...
सनातन धर्म के अनुसार सोमवती अमावस्या पर स्नान और दान का बड़ा महत्व है। सोमवती अमावस्या व्रत को शास्त्रों में ‘अश्वत्थ प्रदक्षिणा व्रत’ भी कहा जाता है। इस बार चैत्र मास की अमावस्या तिथि 8 अप्रैल 2024 दिन सोमवार को है। चैत्र कृष्ण पक्ष सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करना अच्छा रहता है। ऐसी मान्यता है की पवित्र नदी में स्नान करने से आपको सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी। अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त दान करते हैं तो पितरों की नाराजगी दूर होती है और नाराज पितर प्रसन्न होकर सुख, सौभाग्य के साथ-साथ वंश वृद्धि और तरक्की का आशीर्वाद देते हैं। अमावस्या तिथि की पूर्वाह्न 3 बजकर 23 मिनट से अपराह्न 11 बजकर 52 मिनट तक है। आइए जानते है ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ संतोषाचार्य से सोमवती अमावस्या पर लगने वाला सूर्य ग्रहण से जुड़ी पूरी जानकारी
कब लगता है सूतक काल
संयोग से नवरात्रि से एक दिन पहले सोमवार को पड़ने वाली इस अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण आमवस्या पर और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि पर लगता है। 8 अप्रैल को लगने वाला यह पूर्ण सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा से होकर गुजरेगा। धार्मिक दृष्टि से इस ग्रहण का कोई असर भारत में नहीं होगा। क्योंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पूर्व लगता है। जहां यह दिखाई देता है, वहीं पर इसका प्रभाव और सूतक काल मान्य होता है।
पितृ दोष को दूर करने के उपाय
अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है और आपके जीवन में समस्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं तो इस सोमवती अमावस्या पर आपको भगवान शिव और पार्वती की पूजा जरूर करनी चाहिए, इससे आप पर भगवान शिव की कृपा बनेगी और दैनिक जीवन आ रही सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी, इसके साथ ही इस दिन भगवान शिव का पूजन से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
कई साल बाद बन रहा इंद्र योग और सूर्य ग्रहण का संयोग
सोमवती अमावस्या तिथि पर दुर्लभ इंद्र योग और सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही इस दिन दान-पुण्य और तीर्थ स्नान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। इस दिन इंद्र योग शाम 06 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। इस योग में पूजा-पाठ और शुभ कार्य किए जा सकते हैं। महिलाएं सोमवती अमावस्या के दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। अमावस्या तिथि पितृ दोष निवारण के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
सोमवती अमावस्या पर जरूर करें ये उपाय
गरुड़ पुराण के अनुसार पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धोती और गमछा दान करना चाहिए।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, चंद्रमा के ऊपरी हिस्से में पितृ लोक होता है, शास्त्रानुसार पितरों को चांदी से बनी वस्तुओं का दान करना चाहिए। सोमवती अमावस्या के दिन आपको दूध और चावल का दान भी अवश्य करना चाहिए।
शास्त्रों में काले तिल का दान बेहद अहम माना जाता है। आमवस्या के दिन स्नान करने के बाद आप पितरों को ध्यान करते हुए हाथ में काले तिल लेकर दान कर दें। काले तिल को मंदिर में दान भी कर सकते हैं। इससे पितृ दोष दूर होते हैं और आप पर उनकी कृपा बनी रहती है।
भूमि दान को शास्त्रों में महादान माना जाता है। अगर आप क्षमतावान और संपन्न हैं तो नाराज पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस अमावस्या पर भूमि का दान कर सकते हैं। भूमि का दान बड़े पापों का प्रायश्चित करने के लिए किया जाता है।
हिंदू धर्म में पिंडदान का बड़ा महत्व है। जिन लोगों ने अपने पितरों का पिंडदान नहीं किया है, वे लोग सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के लिए पिंडदान जरूर करें। अमावस्या पर पिंडदान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
ज्योतिष एवं वास्तु विशेषज्ञ संतोषाचार्य ने बताया कि इन पांच उपाय के करने से आपको आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। आप जीवन में तरक्की करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इससे पितर प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं और वंश की वृद्धि होती है। ध्यान रखें की सोमवती अमावस्या के दिन तामसिक चीजों को हाथ नहीं लगायें। मांस, मदिरा को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए, तभी इस दिन की गई पूजा का अच्छा फल मिलता है। सोमवती अमावस्या के दिन घर की साफ-सफाई पर खास ध्यान देना चाहिए। घर या आसपास गंदगी फ़ैलाने से पूजा शुभ फलदायी नहीं होगी है। सोमवती अमावस्या पर बाल और नाखून न काटें, साथ ही इस दिन स्त्रियों को बाल नहीं धोना चाहिए। धार्मिक मान्यता है इससे घर में दरिद्रता का वास होता है, क्लेश बढ़ने लगते हैं।
सोमवती अमावस्या के दिन क्या नहीं करें
सोमवती अमावस्या के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
इस दिन लहसुन और प्याज नहीं खाना चाहिए।
सोमवती अमावस्या के दिन किसी भी इंसान के प्रति मन में गलत विचार न लाएं।
इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
इस दिन शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।
इस दिन पशु-पक्षी, पेड़-पौधे का अनादार नहीं करना चाहिए।
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