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पीथमपुर से बाबा कलेश्वरनाथ की निकली बरात, बराती बनने श्रद्धालु की भरी भीड़

जांजगीर- चांपा । भगवान कलेश्वरनाथ की बरात पीथमपुर में शनिवार की शाम 4 बजे से बाजे-गाजे के साथ निकली। बरात में देश के विभिन्न् अखाड़ों के नागा...

जांजगीर- चांपा । भगवान कलेश्वरनाथ की बरात पीथमपुर में शनिवार की शाम 4 बजे से बाजे-गाजे के साथ निकली। बरात में देश के विभिन्न् अखाड़ों के नागा साधु शामिल हुए, वहीं बराती बनने आम जनों की भीड़ उमड़ पड़ी। शौर्य प्रदर्शन करते नागा साधु आगे-आगे चल रहे थे, उनके पीछे चांदी की पालकी में कलेश्वरनाथ की प्रतिमा लिए लोगों की भीड़ थी।

इसी के साथ यहां 15 दिवसीय मेला शुरु हो गया। शिव बरात का आनंद लेने के बाद लोगों ने मेले में जमकर खरीददारी की। पीथमपुर के कलेश्वरनाथ मंदिर से शाम 4 बजे बाजे-गाजे के साथ बारात निकली। आगे-आगे विभिन्न् प्रदेशों से आए अनेक अखाड़ों के नागा साधु चल रहे थे। उनके पीछे चांदी की पालकी के साथ लोगों की भीड़ थी। गुलाल उड़ाते श्रद्धालु भोले बाबा की जयकारा लगा रहे थे। उनमें कलेश्वरनाथ की पालकी उठाने की होड़ थी। इस दौरान नागा साधुओं ने तलवार व दंड चालन कर शौर्य प्रदर्शन किया। बारात मंदिर से निकलकर मेला मार्ग होते हुए हसदेव नदी तक पहुंची।

नदी में नागा साधुओं ने शाही स्नान कर कलेश्वरनाथ की पूजा अर्चना की। इसके बाद नागा साधु वापस मंदिर पहुंचे। कलेश्वरनाथ की बरात में शामिल होने चांपा, जांजगीर, सरखों, बनारी, पुटपुरा, नवागढ़, सिऊंड़, धाराशिव, गौद, बिरगहनी, जर्वे, पिसौद, अमोदा सहित अन्य गांव के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे थे। बरात के साथ ही यहां 15 दिवसीय मेला भी शुरु हुआ। मेला में मौत का कुआं, झूले के साथ कपड़ा, खान-पान सामग्री, सौंदर्य प्रसाधन व अन्य दुकानें लगी है। यहां पहुंचे लोगों ने झूले का आनंद लिया और दुकानों में जमकर खरीददारी की।

शाम को कलेश्वरनाथ की बरात से लौटकर विशेष पूजा अर्चना की गई, वहीं आधी रात को नागा साधुओं ने गोला पूजा की। गोला भस्म से बनाया गया, इसके साथ कमंडल, डमरु व दंड की भी पूजा की गई।


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