दुर्ग। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई में चल रहे दो दिवसीय कार्यशाला “कंटेंट क्रिएशन फॉर स्वयं कोर्सेस“ के दूसरे दिन ...
दुर्ग। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय, भिलाई में चल रहे दो दिवसीय कार्यशाला “कंटेंट क्रिएशन फॉर स्वयं कोर्सेस“ के दूसरे दिन 21 मार्च को विश्वविद्यालय के ऑडियो वीडियो लैब में विशेषज्ञों ने सभी कोर्स कोऑर्डिनेटर को इंट्रो वीडियो रिकॉर्डिंग की टेक्निक पर प्रकाश डाला एवं कोर्स कोऑर्डिनेटर ने अपने लेक्चर को रेकॉर्ड किये तत्पश्चात् रिकॉर्डिंग वीडियो को एक्सर्ट के द्वारा विश्लेषण किया गया। विदित हो कि यह कार्यशाला कुलपति प्रो एम.के. वर्मा के मार्गदर्शन में हो रही है। इस कार्यशाला का उद्देश्य स्वयं पाठ्यक्रमों के लिए गुणवत्तापूर्ण सामग्री तैयार करने में शिक्षकों की क्षमता को बढ़ाना है, जिससे संबंधित विषय के क्षेत्र में छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण व्यवहारिक ज्ञान मिल सके। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), नई दिल्ली में सह प्राध्यापक डॉ. शिखा राय ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से संबंधित विषय के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की। डॉ. राय ने स्वयं पाठ्यक्रमों के चारों महत्वपूर्ण भागों को विस्तारपूर्वक समझाया, जिनके नाम हैं। वीडियो व्याख्यान, विशेष रूप से तैयार की गई पठन सामग्री जिसे डाउनलोड/प्रिंट किया जा सकता है। परीक्षणों और क्विज़ के माध्यम से स्व-मूल्यांकन परीक्षण और एक ऑनलाइन चर्चा के साथ शंका समाधान के लिए मंच। कार्यशाला के समापन समारोह में कुलपति प्रो. वर्मा ने सभी प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफार्म सुदूर क्षेत्रों पर रह रहे छात्रों के लिए अध्ययन का साधन है। सभी कोर्स कोऑर्डिनेटर्स यह ध्यान देवे कि छात्रों के लिये तैयार की गई कोर्स मटेरियल एवं वीडियो लेक्चर बहुत ही ज्ञानवर्धक एवं आकर्षक हो जिससे प्रतिभागियों को लाभ मिल सके। कार्यक्रम के अंत में एक्सपर्ट को समकुलपति प्रो. संजय अग्रवाल के द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया । प्रोफेसर अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में नई शिक्षा नीति (एन.ई.पी.) के विषय में विस्तारपूर्वक बताते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हर किसी के पास अच्छी गुणवत्ता वाली शिक्षण सामग्री छात्रों के पहुंच में हो क्योंकि हम ऑनलाइन शिक्षा की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने सभी छात्रों के लिए शिक्षा में स्वयं पाठ्यक्रमों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। इस कार्यशाला में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एम.के. वर्मा, सम कुलपति प्रो. संजय अग्रवाल, स्वयं कोर्स के कोऑर्डिनेटर डॉ हरीश घृतलहरे, स्वयं कोर्स के सभी कोऑर्डिनेटर्स एवं को- कोऑर्डिनेटर उपस्थित थे। इस ऑनलाइन कोर्स के लिए सामग्री निर्माण में अपने कौशल और ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए आयोजकों की सराहना की गई। भविष्य में इस तरह की कार्यशाला विश्वविद्यालय में होती रहेंगी जिससे सभी लाभान्वित हो सकें।
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