भोपाल/रायपुर , 15 मार्च 2024। द्वितीय अंतराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का आयोजन 9-10 मार्च को तुलसी मानस प्रतिष्ठान और रामायण केन्द्र भोपाल द्वार...
भोपाल/रायपुर , 15 मार्च 2024। द्वितीय अंतराष्ट्रीय रामायण सम्मेलन का आयोजन 9-10 मार्च को तुलसी मानस प्रतिष्ठान और रामायण केन्द्र भोपाल द्वारा मानस भवन भोपाल में किया गया। इस प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी ललित दुबे के द्वारा राम-राम शब्दों से बनी चित्रकला विशेष आर्कषण का केन्द्र रही।
प्रर्दशनी का उद्धाटन रधुनन्दन शर्मा पूर्व सांसद एवं अध्यक्ष तुलसी मानस प्रतिष्ठान की अध्यक्षता एवं धर्मेन्द्र सिंह लोधी संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री मध्यप्रदेश शासन तथा विशेष अतिथि अजित सिंह चैहान इंडोनेशिया के द्वारा किया गया। प्रर्दशनी में दक्षिण एशियाई देशों कम्बोडिया, म्यांमार, लाओस, इंडोनेशिया के दुर्लभ मंदिरों के चित्र लगाये गये थे। छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी ललित दुबे के द्वारा राम-राम शब्दों से बनी चित्रकला विशेष आर्कषण का केन्द्र रही।
सामान्यतः चित्रकला रंग एवं ब्रश से की जाती है, लेकिन ललित दुबे द्वारा बनाई गई चित्रकला शैली से हटकर है। रंगीन पेन से ड्राइंग शीट पर राम-राम लिखते जाते है और कलाकृति बनती जाती है। एक नजर में पेंटिग सामान्य लगता है किन्तु गौर से देखने पर अत्यंत छोटे शब्दों से राम-राम लिखा नजर आता है। चित्रकला में रंगों में, रेखाओं में राम ही राम नजर आता है। प्रर्दशनी में 3X2 फुट के ड्राइंग शीट साइज का विभिन्न देवी-देवताओं का तांत्रिक यंत्र, मार्डन एवं पारम्पारिक शैली के राम-राम शब्दों से 25 चित्र लगाये गये। इनके मुख्य आर्कषण का केन्द्र 35 फिट लम्बी ड्राइंग शीट पर राम-राम लिखकर रामायण के मुख्य प्रसंगों का जिससे राम जन्म से राम दरबार तक का चित्रण किया गया है। यह चित्रकला अत्यंत दुर्लभ कृति है, जिसमें करोड़ों बार राम-राम लिखकर रामायण बनाया गया है।
रामायण कृति के लिये चित्रकला को वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकार्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ़ रिकार्ड, इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड से Longest Typographic Painting के नाम से दर्ज किया गया है। ललित दुबे को चित्रकला एवं मूर्तिकला, समाज सेवा में राज्य स्तरीय एवं राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित किया गया है। ललित दुबे के पेंटिग प्रर्दशनी में डाॅ. राजेश श्रीवास्तव निर्देशक रामायण केन्द्र भोपाल, डाॅ. आर. जी. सोनी सेवानिवृत्त अपर प्रधान मुख्य वनसंरक्षक म.प्र. एवं लेखक राम वनगमन पथ पुनरावलोकन शोध ग्रंथ, कमेश जैमिनी वरिष्ठ छायाकार एवं उपाध्यक्ष प. राम किंकर उपाध्याय शोध केन्द्र सत्येन्द्र शर्मा भिलाई का विशेष सहयोग रहा।
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