छत्तीसगढ़ सरकार अब बिना फिटनेस, टैक्स और बिना दस्तावेज के चलने वाले वाहनों पर सख्ती करने की तैयारी में हैं। प्रदेश के विभिन्न मार्ग में अब एए...
छत्तीसगढ़ सरकार अब बिना फिटनेस, टैक्स और बिना दस्तावेज के चलने वाले वाहनों पर सख्ती करने की तैयारी में हैं। प्रदेश के विभिन्न मार्ग में अब एएनपीआर ई-डिटेक्शन सिस्टम शुरू करने की तैयारी पूर्ण कर ली गई है, जिससे कि बिना फिटनेस और बिना टैक्स वाले वाहनों के सड़को से गुजरने पर ऑटोमैटिक चालान होगा। अब इसका उद्घाटन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा अनुरूप तथा परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश में परिवहन सुविधाओं का सुचारू रूप से क्रियान्वयन हो रहा हैं। मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटना में होने वाले मृत्यु के आँकड़ो को देख कर प्रदेश में रोड एक्सीडेंट कम करने हेतु कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे। सड़क दुर्घटना का एक प्रमुख कारण बिना फ़िटनेस के चलने वाले हैवी गाड़िया है। अनफिट गाड़ियो से होने वाली सड़क दुर्घटना कम करने के लिए प्रदेश में परिवहन विभाग की पहल पर विभिन्न मार्ग में एएनपीआर कैमरा लगाये जा रहे है, जो बिना फिटनेस और टैक्स के चलने वाले वाहनों को डिटेक्ट कर ऑटोमैटिक चालानी कार्यवाही करेगा।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में विभिन्न मार्ग पर चलने वाले ऐसे वाहनों का पता लगाने के लिए पहले चरण में 09 जगहों पर एएनपीआर कैमरा लगाया है जो परिवहन विभाग के वाहन सॉफ्टवेर और ई डिटेक्शन सिस्टम से जुड़ा हुआ है।
प्रथम चरण में इन स्थानों में शुरू किया गया है एएनपीआर ई डिटेक्शन सिस्टम -
महासमुंद बसना पदमपुर रोड, सराईपाली सारंगगढ़ रोड, जयराम नगर मस्तूरी रोड, रायपुर अभनपुर भरेंगाभाटा, पत्थल गाँव अंबिकापुर रोड, डोंगरगढ़ राजनांदगाँव रोड, रायगढ़ तेंदुवाभाटा, रायगढ़ सरिया, नगरी रोड। इसके बाद खनन और औद्योगिक क्षेत्रों से भी एएनपीआर कैमरे के मदद से डेटा एकत्र करने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है और जल्द ही इन जगहों से गुजरने वाली गाड़ियो का रिकॉर्ड भी एएनपीआर सिस्टम के माध्यम से परिवहन विभाग को प्राप्त होने लगेगा।
इस सिस्टम गाड़ियों की जानकारी को ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रेकग्निशन (एएनपीआर) कैमरा के माध्यम से जानकारी प्राप्त किया जाएगा और जब कोई वाहन रोड से गुजरेगा तो उसकी तस्वीरें ली जाएंगी। जिस वाहन के पास कानूनी रूप से आवश्यक वैध दस्तावेज नहीं होंगे उसका रिकॉर्ड वाहन के डेटाबेस से प्राप्त कर लिया जाएगा और ई-डिटेक्शन पोर्टल द्वारा स्वचालित रूप से चालान किया जाएगा। चालान एसएमएस के माध्यम से वाहन स्वामी के मोबाइल में भेज दिया जाएगा और जब तक वाहन स्वामी के द्वारा उस चालान का भुगतान नहीं कर दिया जायेगा तब तक उस गाड़ी से संबंधित समस्त कार्य सभी आरटीओ में प्रतिबंधित रहेंगे।
परिवहन सचिव एस प्रकाश द्वारा वाहन मालिकों से अपील की गई है कि सड़क में वाहन चलाने से पहले गाड़ी के समूर्ण आवश्यक दस्तावेज को अप-टू-डेट करा ले। सभी दस्तावेज पूर्ण होना स्वय और सड़क में चलने वाले अन्य सभी लोगो के सुरक्षा के लिये आवश्यक है।
परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा द्वारा वाहन स्वामियों से अपील की गई है कि वे फिटनेस, टैक्स, बीमा और पीयूसी के जुर्माने से बचने के लिए वाहन के दस्तावेज अप-टू-डेट रखें।
सड़क सुरक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की समिति (एससीसीओआरएस) की सिफारिश के बाद सरकार ने ई डिटेक्शन के क्रियान्वयन का नीतिगत निर्णय लिया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट समिति के सचिव संजय मित्तल ने कुछ जिलों का दौरा किया था और राज्य में सड़क हादसों को कम करने के लिए शुरू किए गए सुधारात्मक उपायों की समीक्षा की थी। उन्होंने बिना फिटनेस और इंश्योरेंस के चल रहे वाहनों पर लगाम लगाने के लिए निर्देश दिये थे।
ज्ञात हो कि किसी वाहन को सड़क पर चलाने के लिए टैक्स पटाना, पंजीकरण प्रमाण पत्र, फिटनेस प्रमाण पत्र, परमिट (यदि परिवहन वाहन है तो), बीमा और सभी वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसीसी) जैसे वैध दस्तावेज होने अनिवार्य है तथा सभी वाहन चालकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस अनिवार्य है। पर्सनल वाहनों के लिए फिटनेस और परमिट की आवश्यकता नहीं होती है।
नमूना आंकड़ों के अनुसार, यह देखा गया है कि बहुत से वाहन बिना वैध दस्तावेजों के चल रहे हैं। खासतौर से हेवी माल यान जिसमें फिटनेस अनिवार्य है, ऐसे वाहन भी बिना फिटनेस और बिना टैक्स के चलते पाये जाते है। ऐसे वाहनो से सड़क दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है और इंश्योरेंस क्लेम में भी समस्या उत्पन्न होती है।
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