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कलेक्टर प्रियंका महोबिया ने कृषि व संबद्ध विभागों के अधिकारियों की बैठक ली

गोधन न्याय योजना की बैठक लेकर की जिले में गोबर खरीदी व खाद निर्माण की समीक्षा धमतरी, प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के अंतर...


गोधन न्याय योजना की बैठक लेकर की जिले में गोबर खरीदी व खाद निर्माण की समीक्षा

धमतरी, प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के अंतर्गत जिले में गोबर की खरीदी, खाद निर्माण व विक्रय सहित पैरादान की स्थिति का आंकलन करने जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं प्रभारी कलेक्टर  प्रियंका महोबिया ने आज कृषि व संबद्ध विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने उप संचालक कृषि को निर्देशित करते हुए कहा कि पैरादान से प्राप्त पैरा की खपत तुरंत ना करें। वर्तमान में मौसम की अनुकूलता के अनुसार हरे चारे उपलब्ध हैं, इसलिए गर्मी के दिनों के लिए चारा के तौर पर पैरा को संग्रहित करके रखें और इसके लिए विभाग के अधिकारी गौठानों में आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें।
        कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आज सुबह 10.00 बजे से आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि पैरादान के लिए ग्रामीणों को लगातार प्रेरित करें और इसके लिए सभी ब्लॉक में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी सतत् प्रचार-प्रसार करने के लिए अपने मैदानी अमले को निर्देशित करें। उन्होंने गोबर खरीदी की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले के सभी सक्रिय गौठानों में गोबर खरीदी सतत् जारी रहनी चाहिए, किसी भी स्थिति में गोबर की खरीदी बंद नहीं होनी चाहिए। विशेष तौर पर नगरीय निकायों में कन्वर्जन रेट कम आने पर उन्होंने कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों को गौठानों में जाकर वस्तुस्थिति से अवगत होने और किसी प्रकार की समस्या आने पर उनका त्वरित समाधान करते हुए गोबर खरीदी और जैविक खाद निर्माण में तेजी लाने के लिए निर्देशित किया। इसके अलावा प्रभारी कलेक्टर ने गोबर खरीदी, कम्पोस्ट निर्माण और विक्रय की कम उपलब्धि वाले गौठानों की समीक्षा करते हुए वर्तमान स्थिति में सुधार लाने के निर्देश उप संचालक कृषि को दिए। साथ ही अन्य आयमूलक गतिविधियों की समीक्षा करते हुए उद्यानिकी, पशुपालन और मछलीपालन विभाग के अधिकारियों उत्पादक कार्यों में गति लाने के लिए कहा।
       उप संचालक कृषि ने बताया कि वर्तमान में जिले में 348 सक्रिय गौठान हैं जिनमें 340 ग्रामीण क्षेत्रों में और 08 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। जहां अब तक कुल 4 लाख 78 हजार 594 क्विंटल गोबर की खरीदी हुई जिसमें से 3 लाख 99 हजार 228 क्विंटल गोबर का प्रयुक्त कर 87 हजार 872 क्विंटल वर्मी खाद तैयार किया गया और 63 हजार 616 क्विंटल का विक्रय किया गया। यानी उत्पादित खाद से बेचे गए खाद का प्रतिशत 72.40 है। उप संचालक ने गौठानों में पैरादान की जानकारी देते हुए बताया कि जिले के गौठानों में अब तक 6 हजार 515 टन पैरा प्राप्त हुआ है। इसी तरह जिले के भटगांव और सारंगपुरी गौठान में लगभग 2500 लीटर गोमूत्र खरीदा गया जिसका मूल्य 10 हजार रूपए से अधिक है। उन्होंने बताया कि इससे 709 लीटर कीट नियंत्रक तैयार कर समितियों द्वारा 35 हजार 450 रूपए की आय अर्जित की गई, जबकि 723 लीटर वृद्धिवर्धक दवा तैयार कर तथा उन्हें किसानों को बेचकर 29 हजार रूपए का लाभ समितियों को हुआ। बैठक में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन तथा मछलीपालन विभाग के अधिकारी और विकासखण्ड नोडल अधिकारी उपस्थित थे।

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