बलरामपुर: बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कुसमी विकासखण्ड में स्थित छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौर-लाटा पर जोश वेलफेयर फाउण्डेशन की 26 सदस्यीय...
बलरामपुर: बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के कुसमी विकासखण्ड में स्थित छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौर-लाटा पर जोश वेलफेयर फाउण्डेशन की 26 सदस्यीय टीम ने ट्रैकिंग की, ट्रैकिंग के दौरान स्थानीय ग्रामीण उत्साहित दिखे। जोश वेलफेयर फाउण्डेशन की टीम जिले में 18 से 20 नवम्बर तक कैंप कर रही है, तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण से तातापानी, वनवाटिका, डीपाडीह का भ्रमण कर स्थानीय संस्कृति और परम्पराओं को जानने का प्रयास करेगी। विदित है कि कलेक्टर विजय दयाराम के. की पहल पर जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने नित नए प्रयास किये जा रहे हैं, ताकि जिले के ऐसे दार्शनिक स्थलों को एक नई पहचान मिल सके, साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए साधन विकसित किया जा सके।
छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौर-लाटा को पर्यटन नक्शे पर स्थापित करने की शुरुवात कर दी गई है, जिले के चांदो वन परिक्षेत्र में स्थित गौरलाटा तक पहुंचने जंगल पहाड़ के पगडण्डियों से होकर गुजरना पड़ता है। बलरामपुर जिला मुख्यालय से 47 किलो मीटर दूरी पर स्थित है, ग्राम इदरीपाठ से गौरलाटा तक पहुंचा जा सकता है, तथा गौर-लाटा की खूबसूरती अब तक बाहर नहीं आ सकी है, गौर-लाटा से प्रकृति का मनोरम दृष्य देखने को मिलता है। गौर-लाटा पर ट्रैकिंग करने आये जोश वेलफेयर फाउण्डेशन के सदस्य श्री अभिषेक जायसवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौर-लाटा पर पहुंचकर उन्हें प्रकृति का अद्भुत दृष्य देखने को मिला, उन्होंने कलेक्टर विजय दयाराम के. को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनकी पहल पर ही वे गौर-लाटा तक अपनी टीम के साथ पहुंचे हैं, तथा जिले के अन्य दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करेंगे।
गौरतलब है कि कलेक्टर विजय दयाराम के. ने विगत दिवस अपनी प्रशासनिक टीम के साथ छत्तीसगढ़ की सबसे ऊंची चोटी गौर-लाटा की पहाड़ी पर ट्रैकिंग कर पहुंचे थे, तथा भविष्य में पर्यटन के दृष्टिकोण से विकास की संभावनाओं को परखते हुये संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए थे।
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