छत्तीसगढ़ में परिवहन संबंधी सेवाओं को आसान और घर के निकट उपलब्ध कराने के लिए तेजी से परिवहन सुविधा केन्द्र खोले जा रहे हैं। इसके तहत प्रदेश...
छत्तीसगढ़ में परिवहन संबंधी सेवाओं को आसान और घर के निकट उपलब्ध कराने के लिए तेजी से परिवहन सुविधा केन्द्र खोले जा रहे हैं। इसके तहत प्रदेश में अब तक 219 परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने परिवहन संबंधी सेवाओं में विस्तार के लिए राज्यभर में 1000 परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना की घोषणा की है। इन सुविधा के बाद परिवहन संबंधी सुविधाओं के लिए लोगों को अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी, वहीं परिवहन संबंधी सुविधाएं घर के पास ही उपलब्ध हो जाएगी। परिवहन सुविधा केन्द्र की स्थापना से एक ओर जहां परिवहन सुविधाओं के लिए लोगों की पहुंच आसान हो जाएगी, वहीं लोगों को इसके संचालन के जरिए रोजगार भी उपलब्ध होगा। राज्य में परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना से करीब 5 हजार युवाओं के रोजगार सृजन की सम्भावना है।इसके तहत परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्यभर में परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना तेजी से जारी है। राज्यभर में अब तक 219 परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है। इनमें जिला परिवहन कार्यालय रायपुर के अंतर्गत 32, कांकेर अंतर्गत 4, राजनांदगांव अंतर्गत 12 तथा रायगढ़ अंतर्गत 9 परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना शामिल हैं। इसी तरह महासमुन्द जिला परिवहन कार्यालय के अंतर्गत 14, धमतरी अंतर्गत 18, जांजगीर-चांपा अंतर्गत 18, जगदलपुर अंतर्गत 8, बैकुण्ठपुर अंतर्गत 2, अंबिकापुर अंतर्गत 6 तथा सूरजपुर अंतर्गत 10 परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है। इसके अलावा कोण्डागांव अंतर्गत 9, कबीरधाम अंतर्गत 14, गरियाबंद अंतर्गत 13, सुकमा अंतर्गत 8, बलरामपुर अंतर्गत 3, जशपुर अंतर्गत 4, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही अंतर्गत 2, कोरबा अंतर्गत 9, मुंगेली अंतर्गत 7, बलौदाबाजार-भाटापारा अंतर्गत 12 और बालोद के अंतर्गत 5 केन्द्रों की स्थापना हो चुकी है।
सुविधा केन्द्र संचालन के लिए अर्हता
परिवहन विभाग की ओर से जारी मार्गदर्शिका के अनुसार कोई व्यक्ति, संगठन, संघ, सहकारी समिति या कोई भी विधिक इकाई सुविधा केन्द्र के लिए पात्र होंगे। केन्द्र संचालन के लिए कम-से-कम 100 वर्गफीट का स्वयं का भवन या किराया अनुबंध भवन उपलब्ध होना आवश्यक है। लर्निंग लाइसेंस के लिए अलग से विभाजित कक्ष होना भी आवश्यक है। सुविधा केन्द्र संचालन के लिए आवश्यकतानुसार जीएसटी प्रमाण-पत्र या नगरीय निकाय द्वारा जारी गुमाश्ता प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। आवेदकों के लिए मूलभूत व्यवस्था सहित प्रतीक्षालय, तकनीकी कक्ष व सीसीटीव्ही कैमरा होना चाहिए। सुविधा केन्द्र संचालन के आवेदकों को उच्चतर माध्यमिक परीक्षा उत्तीर्ण होने की योग्यता निर्धारित की गई है। वहीं डीसीए/पीजीडीसीए या समकक्ष योग्यताधारी को प्राथमिकता दी जाएगी। आवेदकों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए।
सुविधा केन्द्रों के द्वारा आवेदकों से ली जा सकेगी निर्धारित फीस
परिवहन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत सरकार के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के तहत लर्निंग लाइसेंस बनाने के लिए परिवहन सुविधा केन्द्र को अधिकृत किया जा सकता है। मार्गदर्शिका में परिवहन सुविधा केन्द्रों में विभिन्न सेवाओं के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है।
मार्गदर्शिका के अनुसार ऑनलाइन आवेदन के लिए सेवा शुल्क के रूप में 100 रुपये, परिवहन विभाग को ऑनलाइन फीस/टैक्स भुगतान करने के लिए (प्रत्येक एक हजार रुपये या उसके भाग के लिए) 50 रुपये, लर्निंग लाइसेंस के लिए शुल्क 50 रुपये, आवेदन पत्र के लिए आवश्यक दस्तावेज की स्कैनिंग, कम्प्रेसिंग व अपलोड (प्रति पेज) 5 रुपये तथा ऑनलाइन आवेदन पूर्ति के संपूर्ण दस्तावेजों का प्रिंटआउट शुल्क (प्रति पेज) 5 रुपये निर्धारित है।
अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर से मिलेगी मुक्ति
राज्य में परिवहन सुविधा केन्द्रों की स्थापना का सबसे बड़ा लाभ आम जनता को होगा। अब तक सही जानकारी के अभाव में बड़ी संख्या में लोग अनाधिकृत एजेंटों से संपर्क कर परिवहन संबंधी सेवा के लिए आवेदन करते रहे हैं। जिससे उन्हें समय अधिक लगने के साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता रहा है। परिवहन संबंधी सुविधाओं के लिए अनाधिकृत एजेंटों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होगी।
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