कोरोना महामारी के खिलाफ भारत को एक और सफलता मिली है। देश की पहली नेजल वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आपातकालीन उपयोग के लिए मं...
कोरोना महामारी के खिलाफ भारत को एक और सफलता मिली है। देश की पहली नेजल वैक्सीन को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। यह भारत का कोविड-19 वायरस के लिए पहला नाक से दिया जाने वाला टीका होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने इसे लेकर खुशी जताई है। उन्होंने इसे कोरोना महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई के लिए एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि COVID-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में बड़ा कदम! भारत बायोटेक की ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 (चिंपांज़ी एडेनोवायरस वेक्टरेड) नेजल वैक्सीन को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा कोरोना महामारी के खिलाफ आपातकालीन स्थिति में प्रतिबंधित उपयोग के लिए 18+ आयु वर्ग के लिए प्राथमिक टीकाकरण के लिए मंजूरी दे दी गई है।
उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि यह कदम महामारी के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा। भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपने विज्ञान, अनुसंधान एवं विकास और मानव संसाधनों का इस्तेमाल किया है।
कैसे काम करती है नेजल वैक्सीन?
नेजल स्प्रे वैक्सीन को इंजेक्शन की बजाय नाक से दिया जाता है। यह नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्यून तैयार करती है। इसे ज्यादा कारगर इसलिए भी माना जाता है क्योंकि कोरोना समेत हवा से फैलने वाली अधिकांश बीमारियों के संक्रमण का रूट प्रमुख रूप से नाक ही होता है और उसके अंदरूनी हिस्सों में इम्युनिटी तैयार होने से ऐसे बीमारियों को रोकने में ज्यादा असरदार साबित होती है।
नेजल वैक्सीन के फायदे
इंजेक्शन से छूटकारा
नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्यून तैयार होने से सांस से संक्रमण होने का खतरा घटेगा
इंजेक्शन से छुटकारा होने के कारण हेल्थवर्कर्स को ट्रेनिंग की जरूरत नहीं
बच्चों का टीकाकरण करना आसान होगा
उत्पादन आसान होने से दुनियाभर में डिमांड के अनुरूप उत्पादन और सप्लाई संभव
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