रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के चार विभागों के चिकित्सकों की टीम ने क्रॉनिक किडनी डिजिज (सीकेडी) की गंभीर रोगी का सफल प...
रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के चार विभागों के चिकित्सकों की टीम ने क्रॉनिक किडनी डिजिज (सीकेडी) की गंभीर रोगी का सफल प्रसव करवाया है। जटिल प्रक्रिया के बाद जन्म लेने वाले स्वस्थ शिशु के साथ इस रोगी को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की रहने वाली 30 वर्षीय महिला वर्ष 2018 से सीकेडी से पीड़ित थी। 2021 तक सीकेडी का चौथा चरण शुरू हो गया जिसमें महिलाओं को सामान्यतः प्रसव की अनुमति नहीं दी जाती। इस गर्भवती महिला को पहले दुर्ग के एक अस्पताल में एडमिट किया गया मगर चिकित्सकों ने गंभीर बीमारी को देखते हुए प्रसव के लिए मना कर दिया। इसके बाद रोगी को AIIMS के स्त्री रोग विभाग में एडमिट किया गया।
रोगी की गंभीर स्थिति और गर्भस्थ शिशु के जीवन को देखते हुए यहां पर चार विभागों के चिकित्सकों की एक टीम बनाई गई। इस टीम में स्त्री रोग विभाग की डॉ. विनिता सिंह, नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. विनय राठौड़, नियोनेटोलॉजी के डॉ. फाल्गुनी पाढ़ी और एनेस्थिसिया विभाग की डॉ. ममता सिन्हा शामिल थी।
गत 16 अगस्त को रोगी ने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। 1.6 किलो की बच्ची को बाद में एनआईसीयू में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया। बच्ची अब पूर्णतः स्वस्थ है और दो किलोग्राम वजन की हो गई है। सफल प्रसव के बाद रोगी ने भी चिकित्सकों की टीम को धन्यवाद दिया। उनका कहना था कि सभी तरफ से निराश होने के बाद उन्होंने एम्स आने का निर्णय लिया। यहां चिकित्सकों ने टीम वर्क के साथ इस चुनौती को स्वीकार किया।
नहीं दी जाती है प्रसव की अनुमति
डॉ. राठौड़ ने बताया कि इस प्रकार के रोगियों को प्रसव की अनुमति नहीं दी जाती है मगर इस बार चुनौती को स्वीकार करते हुए चिकित्सकों की टीम ने इस कठिन ऑपरेशन को सफलतापूर्वक संपन्न किया। इससे सीकेडी रोगियों को मां बनने का रास्ता भी साफ हो गया है।
AIIMS निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए चिकित्सकों की टीम को बधाई दी है। टीम में डॉ. ज्योति अग्रवाल और डॉ. भव्या दोशी शामिल थी।
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