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वैज्ञानिकों ने खोजा नया ग्रह, पानी या जीवन के साक्ष्य नहीं मिले

  टोक्यो।   नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने जापान के सुबारू टेलीस्कोप के जरिए पृथ्वी जैसा एक ग्रह खोजा है। यह पृथ्वी से 37 प्रकाश वर्ष दूर एक ...

 


टोक्यो। नासा (NASA) के वैज्ञानिकों ने जापान के सुबारू टेलीस्कोप के जरिए पृथ्वी जैसा एक ग्रह खोजा है। यह पृथ्वी से 37 प्रकाश वर्ष दूर एक बौने लाल सितारे के पास है। ‘रॉस 508 बी’ नाम का यह ठोस ग्रह पृथ्वी से चार गुना बड़ा है। इसलिए वैज्ञानिक इसे ‘सुपर अर्थ’ बता रहे हैं।

दिलचस्प बात यह है कि इस ग्रह पर हर 11वें दिन नया साल शुरू होता है। ग्रह जिस बौने सितारे के चारों ओर घूम रहा है, उसकी कक्षा बहुत छोटी है। पृथ्वी के 11 दिन में यह ग्रह उसका एक चक्कर पूरा करता है। रॉस 508 बी अपने सितारे से सिर्फ 50 लाख किलोमीटर की दूरी पर घूम रहा है। सौर मंडल (NASA) में सूर्य का सबसे करीबी ग्रह बुध छह करोड़ किलोमीटर दूर है। अपने सितारे के करीब होने के कारण क्या यह ग्रह रहने लायक हो सकता है? इसके जवाब में वैज्ञानिक कहते हैं कि रॉस अंडाकार परिधि में घूमता है। यानी यह हमेशा अपने तारे के करीब नहीं होता। इसकी दूरी बदलती रहती है।

वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह (NASA) का ग्रह अपनी सतह पर पानी बनाए रखने में सक्षम हो सकता है। हालांकि फिलहाल इस पर पानी या जीवन के साक्ष्य नहीं मिले हैं। बौने लाल सितारे अन्य तारों की तुलना में ठंडे होते हैं और काफी हल्के प्रकाश का उत्सर्जन करते हैं। इससे उनका अध्ययन चुनौतीपूर्ण है। हमारी आकाशगंगा में तीन-चौथाई तारे सूर्य से छोटे हैं।

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