इंसान ही सपने देखते हैं? या अन्य जीव-जंंतुओं के साथ भी ऐसा है? कई लोग अपने पेट्स को नींद में मुस्कुराते हुए देखते हैं. शायद वे भी कोई सपना ...
इंसान ही सपने देखते हैं? या अन्य जीव-जंंतुओं के साथ भी ऐसा है? कई लोग अपने पेट्स को नींद में मुस्कुराते हुए देखते हैं. शायद वे भी कोई सपना देख रहे हों या फिर उन्हें कुछ खुशनुमा पल याद आए हों! फिलहाल बात करेंगे चूहों के बारे में. शोधकर्ताओं के अनुसार, चूहे भी इंसानों की तरह सपने देखते हैं. उनके ड्रीम देखने के पीछे भी इंसानों की तरह ही एक साइंस काम करता है. अमेरिका में इस संबंध में एक स्टडी हुई है.कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स युता सेनजाई और मस्सिमो सकैजियानी ने यह रिसर्च स्टडी की है.
शोधकर्ताओं के अनुसार सोते समय आंखों में पुतलियों की होने वाली तीव्र गतिविधियां क्या यह खुलासा करती हैं कि आप सपनों में क्या देख रहे हैं, या यह महज आंखों की मांसपेशियों पर पड़ने वाले झटकों का नतीजा है?
चूहे भी लेते हैं आरईएम नींद
1950 के शुरुआती दशक में आरईएम निद्रा की खोज के बाद आंखों की गतिविधियों ने वैज्ञानिकों, मनोचिकित्सकों और दार्शनिकों का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है. इंसानों की तरह चूहे भी आरईएम निद्रा लेते हैं. आरईएम निद्रा का मतलब सोते समय पलकों के बंद होने के दौरान आपकी आंखों में होने वाली तीव्र गतिविधियां हैं. उस वक्त आप विभिन्न तरह के सपने देख रहे होते हैं.
सपनों का आकलन
पूर्व में हई स्टडीज में लोगों से सोने और जागने के दौरान आंखों की गतिविधियों का अध्ययन कर इस सवाल का जवाब हासिल करने की कोशिश की गई कि वे क्या सपना देख रहे थे. इसका उद्देश्य नींद से जागने से ठीक पहले देखे जाने वाले सपने और उस समय आंखों की गतिविधियों की दिशा के बीच संभावित संबंध का पता लगाना था. उदाहरण के लिए जैसे कार बाईं ओर से आ रही है.
दुर्भाग्य से इन अध्ययनों के विरोधाभासी नतीजे सामने आए. यह हो सकता है कि अध्ययन में कुछ गलत जानकारी मिली और तकनीकी रूप से यह मुश्किल है कि उस वक्त आंखों में होने वाली गतिविधियों का मिलान बताए गए सपनों से किया जाए.
शोधकर्ताओं ने स्वयं सपनों के बारे में बताने के दौरान आने वाली समस्या से आगे अपना अध्ययन करने का फैसला किया. इसके बजाय सपनों को मापने का अधिक वस्तुनिष्ठ तरीके को अपनाया और यह था, सोये हुए चूहों के मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि का मापन.
मनुष्यों और कई अन्य जंतुओं की तरह चूहे भी आरईएम निद्रा का अनुभव करते हैं. इसके अलावा उनके मस्तिष्क में छोटा आंतरिक दिक्सूचक (कम्पास) होता है जो उन्हें सिर की दिशा का बोध कराता है. जब चूहे जगे हुए होते हैं और आसपास दौड़ते हैं तब मस्तिष्क के आंतरिक दिक्सूचक की विद्युत गतिविधि सिर की दिशा को इंगित करती है या वातावरण की ओर इंगित करती है.
शोधकर्ताओं की यह रिसर्च स्टडी साबित करती है कि आरईएम निद्रा के दौरान बोध को नियंत्रित करने वाला मस्तिष्क का हिस्सा आंखों में गतिविधि को नियंत्रित करने वाले हिस्से के साथ समन्वय करता है।
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