मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत जिले में तैनात सीआरपीएफ, आईटीबीपी एवं अन्य सुरक्षा बल के जवानों की मलेरिया जांच स्वास्थ्य अमलों के द्...
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत जिले में तैनात सीआरपीएफ, आईटीबीपी एवं अन्य सुरक्षा बल के जवानों की मलेरिया जांच स्वास्थ्य अमलों के द्वारा किया जा रहा है। जिले के किबईबालेंगा कैम्प के 88, गोलावंड कैम्प के 90, कोण्डागाांव सीआरपीएफ कैम्प के 180, केशकाल के 43, दादरगढ़ के 35, धनोरा के 45 एवं ईरागांव के 50 जवानांे की जांच की जा चुकी है। जिसमें से एक भी मलेरिया धनात्मक प्रकरण नहीं पाये गये हैं। जिले के मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में रोग का प्रसार रोकने के लिए दवाओं के साथ-साथ मच्छरांे से बचने के लिए मच्छरदानियों के उपयोग हेतु लगातार प्रेरित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के ओर से प्रभावित क्षेत्रों में मच्छररोधी कीटनाशक दवा घोल का भी छिड़काव किया जा रहा है। मलेरिया के मच्छर स्थिर जल में पनपते है इसलिए अपने घरों के आसपास पानी एकत्रित ना होने देने हेतु कहा जा रहा है। एकत्रित पानी में मिट्टी तेल या मोबिल ऑइल, नालियों को साफ रखने हेतु प्रेरित किया जा रहा है।
इस संबंध में स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन के द्वारा मच्छरों से बचाव हेतु जिले को दवालेपित मच्छरदानी का आबंटन हुआ है। जिसकी प्राप्ति होते ही निःशुल्क जनसमुदाय को वितरीत किया जायेगा। इस दवालेपित मच्छरदानी को तीन साल से पांच साल तक प्रयोग में लाया जा सकता है। जिससे मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को मच्छरों की प्रकोप से मुक्ति मिलेगी। मलेरिया मुक्त अभियान में सर्वे दलों द्वारा घर-घर जा कर मलेरिया जांच एवं रोग निदान हेतु कार्य किया जा रहा है। मलेरिया उन्मूलन हेतु स्वास्थ्य विभाग प्रयासरत है।
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