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जॉब के साथ कॉम्पिटेटिव एक्जाम नहीं निकलता, ऐसा सोचने वालों को पढ़नी चाहिए ये स्टोरी

  रायसेन: मेहनत इतनी खामोशी से करना चाहिए कि सफलता शोर मचा दे..... ये बहुत फेमस पंक्तियां हैं और इसको प्रदेश के रायसेन जिले के बच्‍चे पूरा क...

 


रायसेन: मेहनत इतनी खामोशी से करना चाहिए कि सफलता शोर मचा दे..... ये बहुत फेमस पंक्तियां हैं और इसको प्रदेश के रायसेन जिले के बच्‍चे पूरा कर रहे हैं. रायसेन जिले में छोटे कस्बों के बच्चे बड़ा कमाल दिखा रहे हैं. जिले की सिलवानी तहसील के एक छोटे से गांव सांईखेड़ा के एक किसान की बेटी ने सिविल जज की परीक्षा पास की है. 



सांईखेड़ा में खेती-किसानी करने वाले संजय श्रीवास्तव (Sanjay Srivastava) की बेटी दिव्या श्रीवास्तव (Divya Srivastava) का चयन सिविल जज के रूप में हुआ है. बता दें कि दिव्या की इस सफलता से सांईखेड़ा गांव का नाम पूरे जिले में रोशन हो गया है.


2020 में हाईकोर्ट में लग गई थी जॉब 

दिव्या के नाना केके श्रीवास्तव रायसेन में रहते हैं. यहीं पर रहकर दिव्या ने अपनी प्राथमिक और माध्यमिक स्तर की पढ़ाई पूरी की. जी़ मीडिया को दिव्या ने बताया कि 2017 में उसने एलएलबी ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की थी. जिसके बाद 2018 से वो लगातार जज बनने के लिए परीक्षा दे रही है. इसी बीच 2020 में उनकी हाईकोर्ट में जॉब भी लग गई. 


दिव्‍या की हाईकोर्ट में नौकरी तो लग गई थी, लेकिन उसका इरादा तो जज बनने का था और इसलिए वो जॉब के साथ ही सिविल जज की परीक्षा के लिए पढ़ाई भी करती रही. जिसके बाद दिव्‍या की मेहनत रंग लाई और उसने 2022 में इस परीक्षा को पास कर लिया.


घर वालों के सपोर्ट से ही सपना हुआ पूरा '

अपनी सफलता को लेकर दिव्‍या का कहना है कि कड़ी मेहनत और घर वालों के सपोर्ट से ही अब जाकर उसका सपना पूरा हुआ. जीवन में सफल होने के लिए असफलताओं से कभी घबराना नहीं चाहिए. बता दें कि रायसेन जिले के किसान संजय श्रीवास्तव की तीन बेटियां हैं. जिनमें दिव्या सबसे बड़ी बेटी है. दिव्या की इस सफलता से छोटे शहरों के आम बच्चों को नई राह दिखी है. वहीं दिव्या उन लड़कियों के लिए भी मिशाल है जो सीमित संसाधनों के साथ छोटे शहरों में रहकर पढ़ाई कर कुछ कर दिखाने का सपना देखती हैं.



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