2013 को आज ही के दिन हुए झीरम हमले की कटु स्मृतियां शहीदों के परिजनों और पूरे प्रदेश के लोगों के मन में बसी है। आज झीरम शहीद दिवस में जब श...
2013 को आज ही के दिन हुए झीरम हमले की कटु स्मृतियां शहीदों के परिजनों और पूरे प्रदेश के लोगों के मन में बसी है। आज झीरम शहीद दिवस में जब शहीदों का पुण्य स्मरण करने झीरम मेमोरियल की स्थापना के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पहुंचे तो शहीदों के परिजन बहुत भावुक हो गये। झीरम हमने में अपने पति को खोने वाली मकदली उनकी प्रतिमा को देखकर इससे लिपटकर रो पड़ीं। मकदली ने बताया कि मेरे पति ने देश के लिए बलिदान दिया। उनके और शहीदों के पुण्य स्मरण के लिए सरकार ने मेमोरियल बनाया है। यह हम सबके लिए बहुत भावुक क्षण हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षण में मुख्यमंत्री हमारे साथ हैं। सरकार ने शहीदों के परिवारों के सरोकारों का पूरा ध्यान रखा है। मेरे बेटे को पीडब्ल्यूडी में अनुकंपा नियुक्ति मिल गई है। शहीदों के परिवार की चिंता और उनके बलिदान को हमेशा याद रखकर ही हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
झीरम हमले का जिक्र करते हुए मकदली ने बताया कि जब वे बाजार से घर पहुंची तब उनकी बिटिया टीवी के सामने थी। उसने रोते हुए बताया कि झीरम में हमला हुआ है और पापा शहीद हो गये हैं। इस क्षण को याद कर हम आज भी सिहर जाते हैं। मकदली ने बताया कि झीरम में शहीदों की स्मृति में जो मेमोरियल बनाया गया है वो आने वाली पीढ़ियों को शहीदों के बलिदान की याद दिलाता रहेगा।
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