होली से प्रोविडेंट फंड सब्सक्राइबर्स (Provident Fund Subscribers) को बड़ा झटका दिया गया है. एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने ...
होली से प्रोविडेंट फंड सब्सक्राइबर्स (Provident Fund Subscribers) को बड़ा झटका दिया गया है. एंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (EPFO) ने चालू वित्त वर्ष के लिए इंट्रेस्ट रेट घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाला इंट्रेस्ट रेट (Provident Fund interest rates) 8.5 फीसदी था. पिछले दो सालों से इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया था. हालांकि, चालू वित्त वर्ष में इसें 40 बेसिस प्वाइंट्स से घटा दिया गया है. ईपीएफओ के फैसले का असर 7 करोड़ सब्सक्राइबर्स पर होगा. इंट्रेस्ट रेट को लेकर गुवाहाटी में ईपीएफओ सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की दो दिनों से बैठक जारी थी. इसी बैठक में यह फैसला लिया गया है. मौजूदा बाजार की स्थिति और रूस-यूक्रेन क्राइसिस को देखते हुए यह माना जा रहा था कि इंट्रेस्ट रेट में कटौती की जा सकती है.
पिछले दो वित्त वर्षों से इंट्रेस्ट रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. पहली बार वित्त वर्ष 2019-20 में इंट्रेस्ट रेट घटाकर 8.5 फीसदी किया गया. वित्त वर्ष 2020-21 में भी इसे 8.5 फीसदी रखा गया. वर्तमान में ईपीएफओ से करीब 7 करोड़ सब्सक्राइबर्स से जुड़े हुए हैं.
मोदी सरकार में कितना रहा है इंट्रेस्ट रेट
मोदी सरकार जब सत्ता में आई थी तब इंट्रेस्ट रेट 8.75 फीसदी थी. वित्त वर्ष 2014-15 में इंट्रेस्ट रेट 8.75 फीसदी, वित्त वर्ष 2015-16 में इंट्रेस्ट रेट 8.80 फीसदी, वित्त वर्ष 2016-17 में इंट्रेस्ट रेट 8.65 फीसदी, वित्त वर्ष 2017-18 में इंट्रेस्ट रेट 8.55 फीसदी, वित्त वर्ष 2018-19 में इंट्रेस्ट रेट 8.65 फीसदी और वित्त वर्ष 2019-20 से इंट्रेस्ट रेट 8.5 फीसदी पर बरकार है.
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