राज्यपाल अनुसुईया उइके आज आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय तथा कार्यालय, प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के तत्वावधान...
राज्यपाल अनुसुईया उइके आज आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय तथा कार्यालय, प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के तत्वावधान में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम ‘‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते: सभी के लिए विज्ञान का उत्सव‘‘ में शामिल हुई। उन्होंने विज्ञान एवं तकनीक आधारित पोस्टर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया।
राज्यपाल उइके ने देश के 75 शहरों में हो रहे उक्त आयोजन में रायपुर शहर के चयनित होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 22 से 28 फरवरी तक विज्ञान और तकनीक पर आधारित विभिन्न गतिविधियों व प्रतियोगिताओं के माध्यम से विद्यार्थियों के साथ ही आम लोगों को बहुत महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेगी। विज्ञान के क्षेत्र में भारत के वैभव और गौरवशाली इतिहास को जानने-समझने के लिए लगाई गई पोस्टर प्रदर्शनी से न केवल विद्यार्थी प्रोत्साहित होंगे बल्कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अपना योगदान भी देंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चुनौती भरे समय में लोगों को विज्ञान की उपयोगिता और इसका महत्व समझ में आया, जब देश के वैज्ञानिकों ने सस्ते दरों पर मेडिकल उपकरण तैयार किए। शीघ्र अनुसंधान कर देश में ही कोविड का टीका तैयार कर लिया। भारतीय वैज्ञानिकों की यह सफलता सराहनीय और प्रेरणादायी है, जो विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में युवाओं को कार्य करने के लिए आकर्षित करेगी। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय ने पिछले कुछ वर्षों में ऐसा परिवेश निर्मित किया है जिससे विज्ञान के प्रति युवाओं में रूचि बढ़ी है और निरंतर शोध कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा अक्षय ऊर्जा तथा कचरा प्रबंधन के लिए किए गए कार्यों की सराहना की तथा विश्वास जताया कि आगे भी विद्यार्थी विज्ञान के क्षेत्र निरंतर शोध करेंगे और देश एवं प्रदेश का नाम रोशन करेंगे।
सीएसआईआर-एचआरडीसी के निदेशक राजेन्द्र सिंह सांगवान ने मानव उद्भव से लेकर विज्ञान के बढ़ते दायरे और प्रगति का क्रमिक उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मानव जिज्ञासा ने विज्ञान के क्षेत्र में नये शोध कार्यों को बढ़ावा दिया है, जो सतत् रूप से जारी है। हमारी युवा पीढ़ी की विज्ञान के प्रति बढ़ती रूचि से हमें आशान्वित होना चाहिए कि भविष्य के भारत में अनेकों ऐसे खोज और शोध होंगे, जिससे पूरा विश्व लाभान्वित व गौरवान्वित होगा।
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के.एल. वर्मा ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। राज्यपाल उइके ने विश्वविद्यालय के कुलपति व प्राध्यापकों के साथ विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा राज्यपाल उइके को शाल-श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण तथा विद्यार्थीगण उपस्थित थे।
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