भोपाल: आपके घर या बिल्डिंग में बिना अनुमति के बना हिस्सा अब आसानी से कंपाउंडिंग शुल्क देकर वैध करवाया जा सकता है. नगरीय प्रशासन विभाग ने 1...
भोपाल: आपके घर या बिल्डिंग में बिना अनुमति के बना हिस्सा अब आसानी से कंपाउंडिंग शुल्क देकर वैध करवाया जा सकता है. नगरीय प्रशासन विभाग ने 15 जनवरी से इसके लिए खास मुहिम शुरू की है. 31 जनवरी तक विभाग के अफसर और कर्मचारी इसके लिए घर-घर जाकर लोगों के अवैध निर्माण को वैध कराने के लिए आवेदन भी लेंगे. आप खुद भी इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. 28 फरवरी तक आवेदन किया जा सकता है. इसके लिए और क्या नियम बनाए हैं, कितना शुल्क लगेगा सारी जानकारी यहां पढ़िए.
कितना प्रतिशत हिस्सा हो सकता है वैध
नियम के अनुसार कुल निर्माण का 30% तक का हिस्सा वैध कराया जा सकता है. अगर इससे ज्यादा अवैध निर्माण है, तो उसपर ये व्यवस्था लागू नहीं होगी. बता दें फिलहाल सरकार कंपाउंडिंग शुल्क में 20% तक की छूट भी दे रही है, तो आप भी 28 फरवरी से पहले आवेदन देकर इसका लाभ ले सकते हैं.
क्या होती है कंपाउंडिंग ?
आपने कोई निर्माण किया है और उसमें से कुछ हिस्सा नगर निगम से बिना परमिशन लिए बना लिया है, तो इसे कंपाउंडिंग कहा जाता है. इसे अवैध निर्माण या अतिक्रमण भी कह सकते हैं
अवैध हिस्से को वैध कैसे करा सकते हैं?
मध्य प्रदेश सरकार ने कंपाउंडिंग या अवैध निर्माण को वैध करने के लिए जनता को सुनहरा मौका दिया है. लेकिन याद रखें नियमानुसार निर्माण का 30% तक अवैध हिस्सा ही वैध कराया जा सकता है. इसके लिए आप संबंधित नगर निगम, नगर पालिका या नगर परिषद में जाकर आवेदन करें. साथ ही 15 से 31 जनवरी के बीच विभाग की ओर से लोगों को आवेदन करने के लिए घर घर जाकर जानकारी दी जा रही है और उन्हें दी जा रही छूट के बारे में जानकारी भी दी जा रही है.
कितना भुगतान करना है
तय की गई FAR या MOS से अधिक निर्माण कर लिया है तो निर्धारित गाइडलाइन की 5% राशि देकर 10% निर्माण वैध किया जा सकता है. इसके साथ ही 10 से 20% तक 7.5% राशि और 20 से 30% निर्माण के लिए 10% राशि गाइडलाइन के हिसाब से चुकानी होगी. इस समय सरकार 20% की छूट भी दे रही है. सरकार ने 28 फरवरी 2022 तक छूट दी है.
किसे नहीं मिलेगा लाभ
आग बुझाने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है तो उसे वैध नहीं किया जाएगा.
बिल्डिंग पर्यटन महत्व की दृष्टि से संवेदनशील श्रेणी में है तो भी कंपाउंडिंग नहीं हो सकती है.
नाले या जलधारा के बीच में अवैध हिस्सा.
नदी किनारे से 30 मीटर या ऐसी और अतिरिक्त दूरी के अंदर बिल्डिंग.
सरकारी जमीन पर किया गया निर्माण.
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