स्वर्ण मंदिर में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने की घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सिख समाज के साथ हुए इस जघन्य घटना में पूरा मसीह समाज सिख...
स्वर्ण मंदिर में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने की घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सिख समाज के साथ हुए इस जघन्य घटना में पूरा मसीह समाज सिख भाइयों के साथ है।
स्वर्ण मंदिर में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने की घटना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। जिस तरह से आरोपी युवक 8 से 9 घण्टे तक स्वर्ण मंदिर में था इसको देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आरोपी शख्स इस पवित्र स्थल को अपवित्र करने की सोच के साथ यहां आया था।
इस तरह से सोची समझी साजिश के तहत किया गया कृत्य हिंसा को भड़काने का काम कर रहा है जो कि निंदनीय है।
सामाजिक हिंसा भड़काने और सामुदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की रणनीति के तहत मंदिरों में गौ मांस बायबिल जलाना मस्जिदों में के अवशेष चर्चों में वेदी का अपमान करना होता आया है। यह सब घटनाएं आकस्मिक तो नहीं हो सकती और खासकर तब जब किसी धर्म के साथ बार बार खिलवाड़ किया जाए।
इसके पहले पंजाब में 2015 में डेरा सिरसा के संत गुरमीत राम रहीम को श्री अकाल तख्त साहिब से माफी दिए जाने के बाद और हुक्मनामा वापस लेने के बाद से लगातार श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से संगत के दिलों में गहरे जख्म बनते जा रहे हैं। इन घटनाओं में सात साल बाद भी संगत इंसाफ के लिए तरस रही है। इन सात वर्षों में आयोग से लेकर सीबीआई और एसआईटी के गठन के बावजूद इंसाफ नहीं मिला है। और अब फिर एक बार गुरुग्रन्थ साहब की अशिष्टता की घटना घटित हो गयी।
इसके पीछे कौन लोग थे या फिर किसान आंदोलन के बाद फिर से किसी बड़े घटना को अंजाम देने की मंशा थी इस बात का जांच किया जाना बेहद आवश्यक है।
स्वर्ण मंदिर में हुए इस उद्दंडता पर कड़ी निंदा जताते हुए छत्तीसगढ़ के मसीह समाज के नेता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस संकट की घड़ी में मैं सिख भाइयों के साथ अपनी पूरी सहानुभूति रखते हुए आपके साथ हूं। साथ ही नीतिन लॉरेंस ने केंद्रीय एजेंसी से इस शर्मनाक घटना की जांच की मांग की है।
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