बारिश के दिनो में मरीजों को नदी में खाट में लिटाकर पार करना पडता है इतेश सोनी गरियाबंद - गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड डेढ लाख की आबाद...
बारिश के दिनो में मरीजों को नदी में खाट में लिटाकर पार करना पडता है
इतेश सोनी गरियाबंद - गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड डेढ लाख की आबादी वाले एक मात्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मे मरीजो के उपचार के लिए मात्र चार डाॅक्टर ही पदस्थ है, मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में टोटल 14 डाॅक्टर के पद स्वीकृत है, लेकिन मात्र 04 डाॅक्टर ही इस अस्पताल को नसीब हो पाया है, 10 स्पेशलिष्ट डाॅक्टरों की कमी जिसमे सर्जन, स्त्रीरोग, शिशुरोग, एमडी फिजिसियन जैसे महत्वपूर्ण डाॅक्टरों की कमी वर्षो से बनी हुई है, इसके कारण छोटी बडी बीमारियों के लिए यहा के लोगो को जिला मुख्यालय गरियाबंद या फिर राजधानी रायपुर तक ईलाज के लिए सहारा लेना पडता है, मैनपुर में लंबे वर्षो से महिला डाॅक्टर नही होने के कारण महिलाआें को भारी परेशानियाें का सामना करना पडता है, छत्तीसगढ राज्य निर्माण के 21 वर्ष बाद भी गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखण्ड के अधिकांश दुरस्थ वनांचल के ग्रामीण दुसरे प्रदेश ओडिसा राज्य पर ईलाज कराने निर्भर रहते है, मैनपुर ब्लाॅक के 177 गांवों के करीब एक लाख 50 हजार लोगो के लिए मैनपुर में मात्र चार डाॅक्टर ही पदस्थ है कहने को तो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है लेकिन वर्तमान में मात्र 15 बेड की व्यवस्था बताई जाती है, अस्पताल में मरीजों के परिजनों के लिए रूकने की कोई व्यवस्था नही है मरीजों के परिजन बारिश गर्मी के दिनो में अस्पताल के बाहर भोजन बनाने मजबूर होते है, लंबे समय से शेड निर्माण की मांग किया जा रहा है जिससे मरीजों के परिजनों को यहा कोई परेशानी न हो पाए मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डिजिटल एक्सरे मशीन लाखों रूपये की लागत से सरकार ने वर्ष 2018-19 में उपलब्ध कराई है लेकिन कम्प्यूटिंग सिस्टम नही होने के कारण इसका लाभ नही मिल पा रहा है, वही अस्पताल के डाॅक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारियाें के लिए भी सरकारी आवास की कमी लंबे वर्षो से बनी हुई है, सरकारी आवास निर्माण के लिए अस्पताल परिसर में पर्याप्त स्थान है कई बार स्टीमेंट बनाकर भेजा जा चुका है, लेकिन अब तक राशि स्वीकृत नही हो पाई है।
50 से ज्यादा ग्रामो में नदी नाले व सडक के अभाव में नही पहुच पाते एम्बुलेंस मरीजों को गंभीर स्थिति में खाट व कांवर के सहारे लाया जाता है
मैनपुर विकासखण्ड क्षेत्र काफी लंबा चौडा क्षेत्र है, लगभग 120 किलोमीटर की ऐरिया में फैला हुआ है, बारिश के इन दिनो में अधिकांश गांव तक पहुचने के लिए नदी नालो में पुल निर्माण नही होने के कारण व सडक के अभाव में 50 से ज्यादा गांव के हजारों लोगों को समय पर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध नही हो पाती, अचानक दुर्घटना या गंभीर स्थिति में तथा गर्भवती महिलाआें को खाट में लिटाकर या कांवर में बिठाकर नदी पार करवाकर अस्पताल तक लाया जाता है, क्योंकि इन ग्रामो तक एम्बुलेस पहुच नही पाती, जिसमें सिंहार, कांवरआमा, नारीपानी, भालूकोना, ओंड, आमामोरा, ताराझर, कुर्वापानी, भालूडिग्गी, पायलीखंण्ड, जांगडा, बरगांव, गोबरा, कांटीपारा, कोदोमाली, साहेबिनकछार, नागेश, खरता, अमाड, देवझअमली, ऐसे 50 से ज्यादा गांव है जंहा एम्बुलेंस नही पहुचने की वजह से बारिश के इन दिनो में गर्भवती महिलाआें या गंभीर घटना दुर्घटना की स्थिति में मरीजों को कांवर में बिठाकर तथा खाट में लिटाकर मुख्य मार्ग तक लाना पडता है तब कही जाकर उन्हे सुविधा उपलब्ध हो पाती है।
विकासखण्ड में चार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन जर्जर
मैनपुर विकासखण्ड में मिली जानकारी के अनुसार चार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र है जिसमें उरमाल, झरगांव, अमलीपदर एंव शोभा, जिसमें से अमलीपदर और उरमाल प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन जर्जर हो चली है तो वही शोभा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कोई भी डाॅक्टर पदस्थ नही है न ही इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भवन है जिसके कारण शोभा , राजापडाव गौरगांव क्षेत्र के 65 ग्राम पाराटोला के हजारों मरीजों को मैनपुर अस्पताल ही आना पडता है।
53 उपस्वास्थ्य केन्द्र पर्याप्त कर्मचारी का अभाव
मैनपुर विकासखण्ड में 53 उपस्वास्थ्य केन्द्र है जिसमें से 18 उपस्वास्थ्य केन्द्र के पास स्वंय के भवन नही है जो ग्राम पंचायत आंगनबाडी या अन्य सरकारी भवनो में संचालित हो रहा है, शासन के नियमानुसार प्रत्येक उपस्वास्थ्य केन्द्र में एक पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता और एक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता की नियुक्ति होना है लेकिन उपस्वास्थ्य केन्द्रो में भी कार्यकर्ताआें की कमी वर्षो से बनी हुई है।
क्या कहते है बीएमओ
मैनपुर विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी डाॅ गजेन्द्र ध्रुव ने बताया कि मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 12 डाॅक्टरों के पद स्वीकृत है जिसमें मात्र चार डाॅक्टर ही पदस्थ है, मैनपुर में स्त्रीरोग, शिशुरोग, नेत्ररोग, दंत चिकित्सक व सर्जन की कमी बनी हुई है, बीएमओं श्री ध्रुव ने आगे बताया कि दुरस्थ वनांचल क्षेत्रो में भी स्वास्थ्य कार्यकर्ता पहुचकर ग्रामीणाें को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का पुरा प्रयास करते है, भारी बारिश होने पर नदी नालो में बाढ होने की स्थिति में ही एम्बुलेेंस नही पहुच पाती, इसके बावजूद भी ग्रामीणों के मदद से मरीजों को अस्पताल तक लाने की व्यवस्था किया जाता है।
क्या कहते है विधायक
बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक डमरूधर पुजारी ने चर्चा में कहा कि मैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में लंबे समय से डाॅक्टरों की कमी बनी हुई है, कई बार स्वास्थ्य मंत्री के समस्या से अवगत भी कराया गया है।
डमरूधर पुजारी विधायक बिन्द्रानवागढ विधानसभा क्षेत्र
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