कबीरधाम जिले के मध्यम सुतियापाठ जलाशय का पानी अब ग्राम बानो, पिपरटोला होते हुए सहसपुर लोहारा और नयापारा, सोनपुरी, भिनपुरी और तेलाईभाठ तक पह...
कबीरधाम जिले के मध्यम सुतियापाठ जलाशय का पानी अब ग्राम बानो, पिपरटोला होते हुए सहसपुर लोहारा और नयापारा, सोनपुरी, भिनपुरी और तेलाईभाठ तक पहुंचेगा। वनमंत्री व कवर्धा विधायक श्री मोहम्मद अकबर के प्रयास और किसानों तथा समाजसेवी संगठनों की मदद अब रंग लाने लगी है। किसानों और सामाजिक सेवी संगठनों ने श्रमदान कर सुतियापाठ जलाशय के नहर से सहसपुर लोहारा तक पानी लाने के लिए महज 15 दिनों के भीतर ही 3 किलोमीटर की लम्बी नहर तैयार कर लिया है। इस लम्बी नहर को बनो जलाशय से जोड़ते हुए सहसपुर लोहारा के सबसे बड़े जलाशय मजार टैंड तक पहुंचाया गया है।
तीन किलोमीटर लम्बी नहर निर्माण होने से लगभग 200 हैक्टैयर खेतों पर सिंचाई का क्षमता का विस्तार होगा। इससे क्षेत्र के सौकड़ों किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने लगेगा। इससे पहले बानो जलाशय से सिर्फ 65 हैक्टेयर तक ही ंिसंचाई होती थी। बरसो पुरानी मांग पुरी होने के क्षेत्र में खेती किसानी और निस्तारी की समस्या का ठोस समाधान भी हो गया है। अब बरसात का पानी खेतों से नदियों में नहीं बहेगा। जल संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में यह किसान हित में बसे अच्छा काम हुआ है। नहरों के माध्यम से अब तालाबों में पानी पहुंचगा। इससे पानी सुरक्षित होगां,निस्तारी और सिचाई के लिए उपयोग में लाया जा सकेगा। वनमंत्री श्री अकबर ने श्रमदान से निर्माण नहर कार्यों अवलोकन किया और क्षेत्र के किसानों और समाजसेवी संठगनों को इसके लिए बधाई भी दी।
सहसपुर लोहारा क्षेत्र के किसानों द्वारा तुतियापाठ मध्यम जलाशय के पानी को नहर के माध्यम से सहसपुर लोहारा और सहसपुर लोहारा से होते हुए तेलाईभाठ तक निस्तारी व सिंचाई के लिए नहर बनाने की मांग बरसों से कर रहे थे। कवर्धा विधायक मोहम्मद अकबर के बनने के बाद क्षेत्र के किसानों में उम्मीद की नई आस जगी। किसानों ने वनमंत्री व कवर्धा विधायक अकबर के क्षेत्रिय जनसंपर्क के दौरान किसानों ने नहर विस्तार की पुनः मांग की। मंत्री अकबर द्वारा किसानों की बरसों पुरानी मांग और निस्तारी की समस्याओं का समाधान के लिए किसानों और क्षेत्र के समाजसेवी संगठनों की बैठक लेकर इसका ठोस समाधान निकाला गया। क्षेत्र के किसान और समाजेसवी संगठन मंत्री श्री अकबर की बातों से सहमत हुए। महज 15 दिनों के भीतर तीन किलोमीटर लम्बी नहर तैयार कर लिया गया।
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