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चौकाने वाला मामला :सेंटर से मरीज लापता...मरीज की लाश 5 दिनों से मरचूरी में...चार दिन बाद पता चला परिजनों को

     कोरोना काल में रोज ही नई लापरवाही और अव्यवस्था की चौकाने वाले मामले सामने आ रहे है ताज़ा मामला बिलासपुर से आया है, जहां बीते 8 अप्रैल ...

 

  

कोरोना काल में रोज ही नई लापरवाही और अव्यवस्था की चौकाने वाले मामले सामने आ रहे है ताज़ा मामला बिलासपुर से आया है, जहां बीते 8 अप्रैल कोविड सेंटर में भर्ती कराए गए मरीज का शव मर्चुरी में 15 अप्रैल को बरामद हुआ, इस बीच परिजन मरीज़ की तबियत का हाल पता करने कोविड सेंटर पहुँचे थे तो उन्हें पहले बता दिया गया कि उक्त मरीज नीलमणी नामक भर्ती ही नहीं किया गया है। बहुत परेशानियों के बाद बिलासपुर अस्पताल में भेजे जाने की जानकारी मिली, बिलासपुर अस्पताल ने जानकारी होने से इंकार कर दिया। परेशान होकर परिजन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने थाने पहुँचे तो स्पष्ट हुआ कि नीलमणि शर्मा का शव पाँच दिन से मर्चुरी में पड़ा हुआ है।

रोंगटे खड़े करने वाले इस मामले को लेकर मिली जानकारी के अनुसार जो कि मृतक के रिश्तेदार ने दी है उसके अनुसार मृतक मूलतः बलौदा बाज़ार के रहने वाले थे,जोंकी में बेटी दामाद के यहाँ जो निवासरत थे ,उन्हें 8 अप्रैल को कोविड पॉजीटिव पाया गया था जिसके बाद उन्हे कोनी स्थित कोविड सेंटर दाखिल कराया गया था। 9 और 10 अप्रेल को दामाद ने हाल भी लिया तो यह बताया गया कि स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। इस बीच दामाद भी संक्रमित हो गया और 11 अप्रैल व 12 अप्रैल को कोई भी हाल लेने नहीं गया। 13 को परिजन जब मरीज का हाल जानने पहुँचे तो उन्हें यह कहा गया कि, नीलमणि शर्मा नाम का मरीज़ भर्ती ही नहीं है। स्तब्ध परिजनों ने जब विरोध जताया तो देर शाम उन्हें बताया गया कि नीलमणि शर्मा को सिम्स या बिलासपुर भेजा गया है वे वहाँ पता कर लें। दोनों ही जगह पता नहीं चल ने पर परिजन थक हार कर 14 को देर शाम थाना गए ताकि गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई जा सके, परिजनों का आरोप है कि वहाँ पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी लेकिन नाम और उम्र जरुर नोट किया और कुछ देर बाद बताया गया कि मर्चुरी में तलाश करें।

परिजन फिर मर्चुरी पहुँचे तो पता चला कि जिस नीलमणि शर्मा को वे तलाश रहे हैं उसका शव दस तारीख़ से मर्चुरी में है।

परिजन का दावा है कि कोनी से बिलासपुर अस्पताल ट्रांसफर बताया गया है जबकि मर्चुरी में शव 10 तारीख से है।वहीं मर्चुरी में शव का नाम सुरेश मनि लिख दिया गया था।

परिजनों को मृतक नीलमणि शर्मा के सामानों की भी तलाश है साथ ही वास्तविक रुप से कब क्या हुआ और किन परिस्थितियों में नीलमणि की मौत हो गई ये बड़ा सवाल पैदा करती है।

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