उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहां कहा कि सिख गुरुओं द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को राज्य के पाठ्यक्रम का हि...
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहां कहा कि सिख गुरुओं द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को राज्य के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए ताकि छात्र इससे प्रेरणा ले सकें और राष्ट्र निर्माण में योगदान कर सकें। अपने सरकारी आवास पर 'साहिबजादा दिवस' के अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, खालसा पंथ ने हिंदू धर्म और देश की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी जानकारी आने वाली पीढ़ियों को दी जानी चाहिए।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के चार बेटों की कुर्बानियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा होंगी, क्योंकि उन्होंने हिंदुओं और देश की रक्षा के लिए खुद को बलिदान कर दिया।
सीएम ने कहा कि बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के बलिदानों को सभी को जानना चाहिए।
उन्होंने कहा, मैं राज्य के शिक्षा मंत्री को सिख गुरुओं की भूमिका को पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव देता हूं। हम 27 दिसंबर को 'साहिबजादा दिवस' मनाते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह दिन वास्तव में 'बाल दिवस' है, क्योंकि साहिबजादों ने कम उम्र में सर्वोच्च बलिदान दिया था।
यह दिन स्कूलों में एक उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए और साहिबजादों के सम्मान के रूप में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होना चाहिए, जो बच्चों को प्रेरित करेगा। दिसंबर क्रिसमस के लिए जाना जाता था, अब इसे साहिबजादा के लिए जाना जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य सरकार गुरु नानक देव से संबंधित सभी स्थानों की पहचान कर रही है और सौंदर्यीकरण का काम प्राथमिकता से किया जा रहा है।
इस अवसर पर बोलते हुए, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह ने कहा, यह पहली बार है कि मुख्यमंत्री के निवास पर साहिबजादा दिवस मनाया जा रहा है, जहां पहले इफ्तार पार्टी की मेजबानी होती थी।
आदित्यनाथ ने इस अवसर पर केसरिया पगड़ी सहित पारंपरिक सिख पोशाक पहनी।
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