अंतागढ़ बलॉक मुख्यालय में अंतागढ़- नारायणपुर मार्ग पर ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया है. आरोप है कि चारगांव में स्थित माइंस के ओवरलोड परि...
अंतागढ़
बलॉक मुख्यालय में अंतागढ़- नारायणपुर मार्ग पर ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया है. आरोप है कि चारगांव में स्थित माइंस के
ओवरलोड परिवाहन के कारण सड़कें जर्जर हो गई है. जिससे आए दिन ग्रामीण दुर्घटना का
शिकार हो रहे हैं. ग्रामीणों ने नई सड़क की मांग की हैं. ग्रामीणों के जाम से
मार्ग से आवाजाही बंद हो गई है
दोपहर 12 बजे से लगे चक्का जाम में जगदलपुर
राजनांदगांव आने जाने वाले मुसाफिर फसे हुवे हैं, ग्रामीणों का कहना है कोई ज़िम्मेदार अधिकारी या क्षेत्रीय वीधायक के आने तक
चक्का जाम जारी रहेगा। शाम 6 बजे तक पुलिस अधिकारियों के अलावा कोई भी ज़िम्मेदार अधिकारी या जनप्रतिनिधि
चक्का जाम कर रहे ग्रामीणों से मिलने नही पहुचे ।
चारगांव लौह
अयस्क के परिवहन में लगे भारी वाहनों के चलते मासबरस पोंडगाव सड़क आज बेहाल हो चुकी
है ,
पोंडगाव से
चारगांव में कई हादसे हो चुके हैं, परिवहन में चलने वाली ट्रकों की अनियमित गति कई ग्रामीणों की जान ले चुकी है, हादसों के बाद ग्रामीणों के द्वारा चक्का जाम
करना और प्रशाषन के आस्वासन एवं हस्तक्षेप के बाद वापस इन ट्रकों में लौह अयस्क का
परिवहन होना अब रोज की बात हो गई है।
बता दें
चारगांव से एक कच्ची सड़क मासबरस होते हुए पोंडगाव आती है,जो स्टेट हाइवे में मिलती है, अंतागढ़ चारगांव सड़क में जाम लगने की स्थिति
में ये लौह अयस्क परिवहन में लगे भारी ट्रक इस मार्ग को अपना निशाना बनाते हैं, जिसकी वजह से ये मार्ग भी जर्जर हो रहा है, ग्राम पोंडगाव के लोगों ने कुछ दिनों पहले
चक्का जाम
कर कलेक्टर एवं एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था एवं इस सड़क को कम्पनी द्वारा पक्की
बनानवाने का निवेदन किया ,
पर ये आवेदन
और निवेदन भी लोगों की समस्या दूर नही कर सका।
प्राप्त
जानकारी के अनुसार निक्को जायसवाल ने अंतागढ़ से चारगांव तक बनने वाली प्रधानमंत्री
सड़क योजना में सड़क निर्माण में अपना पैसा लगाया है, जबकि निक्को जयस्वास कम्पनी को लौह अयस्क परिवहन के लिए एग्रीमेंट के अनुसार
चारगांव से भिरागाव होते हुए माल परिवहन करने की अनुमति मिली थी एवं परिवहन के लिए
कम्पनी को सड़क निर्माण करना था। किंतु नक्सल समस्या एवं सड़क निर्माण में ज्यादा
समय और बजट लगने की वजह से कम्पनी ने अंतागढ़ से चारगांव सड़क को परिवहन के लिए
उपयुक्त समझा,
जो आसान और
सस्ता विकल्प था ।
लौह अयस्क
परिवहन के लिए कम्पनी ने प्रधानमंत्री सड़क योजना से बनने वाली सड़क जो करीब 6 से 7 गाँव को अंतागढ़ मुख्यालय से जोड़ती है, प्रधानमंत्री सड़क योजना के अधिकारियों ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं और कम्पनी
जर्जर हो चुकी सड़क को बनाने में कोई दिलचस्पी नही दिखाती, बड़ी ट्रकों को इस सड़क में चलने से कोई
परेशानी नही है पर ग्रामीण जो पैदल, सायकल और अपने छोटी गाड़ियों से सफर करते है उनकी जान जोखिम में होती है।
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