रायपुर , मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शहीद वीर नारायण सिंह की शहादत दिवस के मौके पर बलौदाबाजार जिले में स्थित उनके गृहग्राम सोनाखान पह...
रायपुर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शहीद वीर
नारायण सिंह की शहादत दिवस के मौके पर बलौदाबाजार जिले में स्थित उनके गृहग्राम
सोनाखान पहुंचकर उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। बघेल ने सोनाखान में
वीरभूमि पर निर्मित वीर नारायण सिंह स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन
किया। मुख्यमंत्री ने वीर नारायण सिंह के वंशजों से उनके निवास स्थल पर जाकर
सौजन्य मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने शहीद परिवार के सदस्यों का शाल
एवं श्रीफल भेंटकर सार्वजनिक सम्मान भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीद के
वंशजों को स्वतंत्रता संग्राम सैनिक सम्मान योजना के अंतर्गत दी जा रही पेंशन राशि
बढ़ाकर 10
हजार रूपये
प्रति माह करने की घोषणा की। इसके पहले उन्हें मात्र 1 हजार रूपये प्रति माह पेंशन मिलती थी।
मुख्यमंत्री ने
जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के संयुक्त जिला कार्यालय भवन परिसर में शहीद वीर नारायण
सिंह की विशाल प्रतिमा स्थापित करने सहित कुरूपाठ देवस्थल तक सुगमता पूर्वक
आने-जाने के लिए पक्की सीढ़ी बनाने, शहीद के वंशजों के आवास स्थलों के जीर्णोद्धार और सोनाखान में शहीद वीर नारायण
सिंह की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने
शहीद वीरनारायण सिंह की शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा के रूप में आयोजित वीर मड़ई
मेला को सम्बोधित करते हुये ये घोषणाएं की हैं। इस अवसर पर आदिम जाति एवं अनुसूचित
जाति विकास मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री शिवकुमार डहरिया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री अनिला
भेंड़िया,
संसदीय सचिव एवं
स्थानीय विधायक चन्द्रदेव राय एवं कसडोल विधायक एवं संसदीय सचिव शकुन्तला साहू, बलौदाबाजार विधायक प्रमोद कुमार शर्मा सहित
बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोग एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश
बघेल ने श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि शहीद वीर नारायण सिंह
छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान और सम्मान के जीवंत प्रतीक हैं। वे 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ के
पहले शहीद हैं। उन्होंने अपने जीवन में राज्य विस्तार अथवा निजी हित के लिए नहीं
बल्कि गरीब और भूखी जनता का पेट भरने के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया। बघेल ने कहा
कि हमारी सरकार शहीद वीर नारायण सिंह की भावनाओं के अनुरूप गरीब और किसानों के हित
में काम कर रही है। उनके अधूरे रह गए सपनों को हमारी सरकार पूरा कर रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के कारण जब पूरा देश बंद था, तब भी हमने गरीबों को 35 किलोग्राम प्रति परिवार के हिसाब से चावल
दिया। तीन महीने तक हमने मुफ्त में राशन दिया। पूरे देश में कोरोना काल में राजस्व
एवं जीडीपी कम हुई लेकिन किसान हितैषी नीतियों के कारण हमारा छत्तीसगढ़ मंदी से
अछूता रहा। मुख्यमंत्री ने कहा राजीव किसान न्याय योजना के अंतर्गत किसानों को तीन
किश्तों में लगभग 4500
करोड़ रूपये का
भुगतान कर चुके हैं। चौथी किश्त मार्च महीने के पहले सप्ताह में दी जाएगी। हमने
ऐसे समय पर किसानों को रकम दी है, जब उन्हें वास्तविक जरूरत होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को धान बेचने
जाने में ज्यादा दिक्कत ना हो, इसलिए हमने राज्य में 2300
खरीदी केन्द्र
बनाये हैं। किसानों को धान बेचने के लिए 4-5 किलोमीटर से ज्यादा दूरी अब तय करना नहीं पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री बघेल
ने कहा कि हमारी धान खरीदी योजना का लाभ असली किसानों को दिलाने के लिए ही
गिरदावरी कराई गई है। इसमें जिन किसानों के रकबे में सुधार की जरूरत हैं। अभियान
चलाकर सुधारा जाएगा। किसानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। कलेक्टरों को
किसानों से आवेदन लेकर भौतिक परीक्षण करके रकबा सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में छत्तीसगढ़ सरकार ने हीे 25 सौ रूपये में धान खरीदी का बीड़ा उठाया है।
हमारे आस-पास के राज्यों में एक-डेढ़ हजार में धान बिक रही है। हम साल दर साल
ज्यादा मात्रा में धान खरीद रहे हैं। इस साल लगभग 90 लाख क्विंटल धान खरीदी की संभावना है।
मुख्यमंत्री ने
कहा कि कोरोना काल में बारदाना नहीं मिलने के कारण 1 दिसम्बर से हमने धान खरीदी शुरू की गई। अभी तक केन्द्रीय जूट कमिश्नर से
बारदाने प्राप्त नहीं हुए हैं। स्थानीय स्तर पर इंतजाम करने के बाद हमने प्लास्टिक
के बारदानों का उपयोग करने का निर्णय लिया है। बारदानों की कमी होने नहीं देंगे।
इसके लिए किसानों को चिन्ता करने की कोई जरूरत नहीं है। किसानों की ओर से मैं
स्वयं इसकी चिन्ता करते हुए व्यवस्था में लगा हूं।
नगरीय प्रशासन
एवं विकास मंत्री शिवकुमार डहरिया ने शहीद वीर नारायण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित
करते हुए कहा कि अकाल के समय में गरीब जनता के पोषण के लिए उन्हांेने लोहा लिया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं के कारण किसानों के
साथ-साथ व्यापारियों में भी खुशहाली छाई है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत
भगत ने कहा कि आदिवासियों के मान-सम्मान और विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राज्य
सरकार वचनबद्ध है। हमने निरस्त किये गये वन अधिकार पट्टों पर फिर से सुनवाई करके
लोगों को नये पट्टे दिए। वनोपजों के खरीदी मूल्य बढ़ाए। आज 52 लघु वनोपजों की खरीदी राज्य सरकार द्वारा की
जा रही है। जबकि इसके पहले केवल 7 वनोपज खरीदी जाती थी। तेन्दूपत्ता की खरीदी मूल्य 2500 रूपये से बढ़ाकर 4000 रूपये प्रति मानक बोरे किये हैं। स्थानीय
विधायक एवं संसदीय सचिव श्री चंद्रदेव राय ने भी समारोह को सम्बोधित किया। कलेक्टर
सुनील जैन ने स्वागत भाषण दिया। अपर कलेक्टर राजेन्द्र गुप्ता ने समारोह के अंत
में आभार प्रकट किया। इस अवसर पर कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, जिला पंचायत बलौदाबाजार अध्यक्ष राकेश वर्मा, पूर्व विधायक जनकराम वर्मा, कमिश्नर जी.आर.चुरेन्द्र, आईजी आनंद छाबड़ा सहित बड़ी संख्या में
जनप्रतिनिधि एवं आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे।
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